मुखिया के हत्यारे पकड़े जाते तो नहीं जाती किराना व्यवसायी की जान

मुसरीघरारी में किराना व्यवसायी चंद्रभूषण प्रसाद की हत्या में जिस राजेश पाल का नाम सामने आ रहा है वह बखरी बुजुर्ग पंचायत के मुखिया शशिनाथ झा की हत्या में भी नामजद था। यदि मुखिया हत्याकांड में पुलिस ने सक्रियता दिखाई होती और उसकी गिरफ्तारी हो जाती तो शायद किराना व्यवसायी की हत्या नहीं हो पाती।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 12:19 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 12:19 AM (IST)
मुखिया के हत्यारे पकड़े जाते तो नहीं जाती किराना व्यवसायी की जान
मुखिया के हत्यारे पकड़े जाते तो नहीं जाती किराना व्यवसायी की जान

समस्तीपुर । मुसरीघरारी में किराना व्यवसायी चंद्रभूषण प्रसाद की हत्या में जिस राजेश पाल का नाम सामने आ रहा है, वह बखरी बुजुर्ग पंचायत के मुखिया शशिनाथ झा की हत्या में भी नामजद था। यदि मुखिया हत्याकांड में पुलिस ने सक्रियता दिखाई होती और उसकी गिरफ्तारी हो जाती तो शायद किराना व्यवसायी की हत्या नहीं हो पाती। मुखिया की हत्या के बाद से हत्यारोपित ने मुसरीघरारी थाना क्षेत्र के पांच व्यवसायियों से अभी तक रंगदारी की मांग कर चुका है। इसमें सभी से वह पांच लाख रुपये की मांग ही करता है। किराना दुकानदार चंद्रभूषण प्रसाद से भी उसने 1 सितंबर को ही रंगदारी की मांग की थी। फोन पर मांगी गई उस रंगदारी का भुगतान नहीं करने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी थी। खुद से मांगी गई इस रंगदारी की शिकायत पीड़ित किराना व्यवसायी ने स्थानीय विधायक सह मंत्री एवं स्थानीय सांसद सह मंत्री से भी की। उन लोगों के प्रयास पर एसपी ने मामले को संज्ञान में लिया। बाद में प्राथमिकी भी दर्ज हुई लेकिन समय रहते पुलिस न तो हत्यारोपित का पता लगा पाई और न उसके मोबाइल लोकेशन को ट्रेस कर पाई। यह भी सच है कि हत्यारोपित घटना के दिन भी अपने गांव या फिर आस-पास के क्षेत्र में था। लेकिन पुलिस के सर्विलांस सिस्टम को भी वह धोखा दे गया। या फिर कुछ और..।

मुखिया शशिनाथ झा की हत्या के बाद भी हुआ था एसआइटी का गठन

6 अगस्त को मुखिया शशिनाथ झा की हत्या कर दी गई। इसमें के बाद भी पुलिस ने एसआइटी का गठन किया था। घटना के सात दिन बाद पुलिस ने संजय राय समेत तीन को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन गुजरते वक्त के साथ-साथ पुलिस भी खामोश हो गई और मुख्य हत्यारोपित की गिरफ्तारी नहीं हो पाई। तभी से उस आरोपित द्वारा रंगदारी मांगने की घटना को अंजाम दिया जाने लगा। उस समय भी पुलिस संजीदा हो गई होती और मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी हो जाती तो शायद उस थाना क्षेत्र में डेढ़ माह बाद हत्या की दूसरी वारदात नहीं हो पाती।

अभी तक मुसरीघरारी के पांच व्यवसायियों से कर चुका है रंगदारी की मांग

हत्यारोपित राजेश पाल नामक युवक अभी तक मुसरीघरारी के कई लोगों से रंगदारी की मांग कर चुका है। इसमें मो. कैशर, मो. फिरोज, जीवन साह, शंभू साह, कपिल चौरसिया ने तो थाने में सनहा भी दर्ज करवा दिया है। सभी से फोन पर ही रंगदारी की मांग की जाती है। रकम की अदायगी नहीं करने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी जाती है। सभी को भयाक्रांत करने के लिए आरोपित ने सबसे सॉफ्ट टार्गेट चंद्रभूषण प्रसाद को अपना निशाना बना लिया, ताकि सभी भय में आ जाएं और रकम भुगतान का रास्ता साफ हो जाए।

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