कोरोना संक्रमण से भी गंभीर है हेपेटाइटिस बी का संक्रमण
समस्तीपुर। कोरोना महामारी काल में कई ऐसे अन्य रोग भी हैं जो इससे कहीं अधिक गंभीर है इसमें हेपेटाइटिस बी भी शामिल है।
समस्तीपुर। कोरोना महामारी काल में कई ऐसे अन्य रोग भी हैं जो इससे कहीं अधिक गंभीर है, इसमें हेपेटाइटिस बी भी शामिल है। विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को हेपेटाइटिस के लिए जागरूक करना है। लोगों में जागरूकता नहीं होने के कारण लोग सही समय पर हेपेटाइटिस का टीका नहीं लगाते हैं, इसके कारण इस रोग के होने की संभावना बढ़ जाती है। इस वर्ष हेपेटाइटिस डे की थीम हेपेटाइटिस कांट वेट यानी हेपेटाइटिस अब इंतजार नहीं कर सकता रखी गई है। हेपेटाइटिस वायरस के कारण होने वाला संक्रमण है जो ह्रदय को प्रभावित करता है एवं रोग बढ़ने पर सिरोसिस, लीवर कैंसर एवं हार्ट अटैक तक हो सकती है। सिविल सर्जन डा. सत्येंद्र कुमार गुप्ता बताते हैं कि हेपेटाइटिस के विषय में जानकारी और सावधानी रख कर संक्रमण से बचाव संभव हो सकता है। हेपेटाइटिस से बचाव और इसका इलाज संभव है। बशर्ते लोग जागरूक रहें। अगर लोग हेपेटाइटिस की जांच कराएं और वैक्सीन लें तो इस बीमारी से निजात मिल सकती है। हेपेटाइटिस के प्रकार
हेपेटाइटिस वायरस मुख्यत: पांच प्रकार के होते हैं। इसमें हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी एवं हेपाटाइटिस ई शामिल है। इनमें हेपेटाइटिस बी सबसे अधिक खतरनाक एवं जानलेवा है। इसकी रोकथाम जन्म के समय टीका देकर की जा सकती है। थकावट, गहरे रंग का पेशाब, पीला मल, पेट में दर्द, भूख का खत्म हो जाना, वजन में अप्रत्याशित कमी, त्वचा एवं आंखों का पीला पड़ना एवं गंभीर स्थिति में मुंह से खून की उल्टी जैसे लक्षण हेपेटाइटिस वायरस संक्रमण के होते है। हेपेटाइटिस ए और इ दूषित जल व दूषित भोजन के कारण भी होते हैं। हेपेटाइटिस बी, सी और डी, संक्रमित रक्त और शरीर के संक्रमित द्रवों से फैलते हैं। इन कारणों से होता है हेपेटाइटिस
हेपेटाइटिस को बेहद गंभीर रोगों की सूची में शामिल किया जाता है। हेपेटाइटिस बी का संक्रमण सबसे ज्यादा मां से बच्चे को होता है। हेपेटाइटिस का संक्रमण खून चढ़ाने, इस्तेमाल की गई सूई का प्रयोग करने, रेजर और दूसरे के टूथब्रश का इस्तेमाल करने, असुरक्षित यौन संबंध, टैटू बनवाने, नाक-कान छिदवाने से होता है।