अब गर्भवती महिलाएं भी ले सकती है कोविड का टीका

समस्तीपुर। जिले में कोरोना संक्रमण के खिलाफ टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। टीकाकरण्

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Jul 2021 11:13 PM (IST) Updated:Thu, 01 Jul 2021 11:13 PM (IST)
अब गर्भवती महिलाएं भी ले सकती है कोविड का टीका
अब गर्भवती महिलाएं भी ले सकती है कोविड का टीका

समस्तीपुर। जिले में कोरोना संक्रमण के खिलाफ टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। टीकाकरण को लेकर लगातार नए-नए निर्देश जारी किए जा रहे है। अब केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं को कोरोना का टीका लगवाने को लेकर गाइडलाइंस जारी की है। इसमें बताया गया है कि कोरोना वैक्सीन गर्भवतियों के लिए भी सुरक्षित है और उन्हें भी दूसरे लोगों की तरह संक्रमण से बचाती है। गाइडलाइंस के मुताबिक, वैक्सीनेशन के लिए उन्हें कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन भी करवा सकती हैं। सभी गर्भवती महिलाओं वैक्सीन लगवा सकती हैं। सरकार की गाइडलाइंस में कहा गया है कि कोरोना की वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इससे गर्भावस्था में संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ता है। खुद को बचाने के लिए बरतें सावधानी :

गाइडलाइंस में गर्भवती महिलाओं को टीका लगवाने की सलाह दी गई है। ज्यादातर गर्भवती महिलाएं एसिम्टॉमेटिक होंगी या उन्हें हल्की बीमारी होगी, लेकिन उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ सकता है और इससे गर्भस्थ शिशु भी प्रभावित हो सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि वह खुद को कोविड-19 से बचाने के लिए सभी सावधानी बरतें, जिसमें कोविड के खिलाफ टीकाकरण भी शामिल है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि गर्भवती महिला को कोविड-19 के टीके लगवाने चाहिए। गर्भवती महिलाओं में कोरोना संक्रमण के लक्षण शुरुआती तौर पर मामूली होते हैं, लेकिन कई मामलों में देखा गया कि इसके कारण से उनकी सेहत में अचानक गिरावट आती है और इसका असर उनके गर्भ में पल रहे भ्रूण पर भी हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि गर्भवती महिलाएं अपनी सुरक्षा को लेकर सुनिश्चित हों। कोविड-19 पॉजिटिव माताओं के नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य

बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में आशंकाओं के बारे में बात करते हुए, मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 पॉजिटिव प्रसूता के 95 प्रतिशत से अधिक बच्चों का जन्म अच्छी स्थिति में हुआ है। हालांकि कुछ मामलों में देखा गया है कि कोरोना वायरस के कारण प्री-मैच्योर डिलिवरी की स्थिति बन सकती है। ऐसे बच्चे का वजन 2.5 किलोग्राम से कम हो सकता है और दुर्लभ स्थितियों में और जन्म से पहले ही मर सकता है। कोविड-19 पॉजिटिव माताओं के ठीक होने की दर

अगर कोई गर्भवती महिला वायरस से संक्रमित हो जाती है, तो उनमें से 90 फीसदी बिना अस्पताल में भर्ती हुए ठीक हो जाती हैं, जबकि कुछ में स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आ सकती है। लक्षण वाली गर्भवती महिलाओं में गंभीर बीमारी और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। गंभीर बीमारी के मामले में, अन्य सभी रोगियों की तरह, गर्भवती महिलाओं को भी अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होगी। हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, 35 साल से अधिक उम्र वाली गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 के कारण गंभीर बीमारी का अधिक खतरा होता है। कोविड-19 के बाद किसे दिक्कतों का करना पड़ सकता है सामना

जो महिलाएं 35 साल से ज्यादा उम्र की हैं, जिन्हें शुगर, हाई ब्लड प्रेशर है या जिनके शरीर में खून के थक्के जमने का कोई इतिहास रहा हो। ऐसी महिलाओं को खतरा ज्यादा रहता है। अगर महिला गर्भावस्था के दौरान कोरोना संक्रमित होती है तो डिलीवरी के बाद उन्हें कोरोना का टीका लगाया जाना चाहिए।

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