कोरोना संकट के बीच अब ऑक्सीजन के लिए मची मारामारी

समस्तीपुर। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने कहर बरपा रखा है। कोरोना संकट से जूझ रहे

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Apr 2021 12:32 AM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 12:32 AM (IST)
कोरोना संकट के बीच अब ऑक्सीजन के लिए मची मारामारी
कोरोना संकट के बीच अब ऑक्सीजन के लिए मची मारामारी

समस्तीपुर। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने कहर बरपा रखा है। कोरोना संकट से जूझ रहे लोग अपने स्वजनों की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन का इंतजाम करने में परेशान हैं। वहीं, कोरोना की मौत होने के बाद शवों का अंतिम संस्कार करना भी स्वजनों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। शुरूआत में स्वजन पहले इलाज के लिए सरकारी अस्पताल और उसके बाद निजी अस्पताल का चक्कर लगाते हैं। जब निजी अस्पताल में जमा पूंजी खत्म होने के बाद मरीज दम तोड़ रहा है। कोरोना संक्रमित अधिकतर मरीज घर में ही होम आईसोलेट है। ऐसे में ऑक्सीजन की कमी होने पर चिकित्सक सलाह के अनुसार ऑक्सीजन सिलिडर घर पर मंगवा कर इसका उपयोग कर रहे हैं। दुकानदार लोगों को मनमानीपूर्ण राशि वसूल रहे है। इसके लिए 15 से 20 हजार रुपये तक राशि वसूल की जा रही है। सदर अस्पताल में ऑक्सीजन की खपत बढ़ी

जिला में ऑक्सीजन की कमी महसूस की जाने लगी है। सदर अस्पताल में प्रत्येक दिन 4 से 5 जंबो सिलिडर की खपत हो रही है। कोविड वार्ड में भी ऑक्सजीन की कमी को लेकर कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हो रहे हैं। प्राइवेट अस्पताल में भी ऑक्सीजन की किल्लत देखने को मिल रही है। निजी क्लिनिक और अस्पतालों में लटके ताले

जिले में आम लोगों का इलाज सिर्फ सरकारी अस्पतालों के भरोसे है। जिले के ज्यादातर निजी क्लिनिक व अस्पतालों में चिकित्सक मरीज का इलाज नहीं कर रहे हैं। कोरोना संदिग्ध मरीज को तो सीधे सरकारी अस्पतालों का रास्ता दिखाया जा रहा है। जिले के कई प्रमुख चिकित्सक कोरोना संक्रमित हो गए हैं, तो कुछ ने खुद को आईसोलेट कर रखा है। स्थिति यह बन पड़ी है कि कोरोना के लक्षण वाले मरीज का प्राइवेट अस्पताल में इलाज नहीं हो रहा है। गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों का इलाज भगवान भरोसे हैं। जिला मुख्यालय के अधिकतर अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद हैं।

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