सरकार की नजर में कर्मियों का वेतन प्राथमिकता से बाहर, आंदोलन ही एकमात्र रास्ता
समस्तीपुर। बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले रविवार को महासंघ स्थल पर
समस्तीपुर। बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले रविवार को महासंघ स्थल पर एक सभा हुई। इसमें स्वास्थ्य कर्मचारियों की दशा-दिशा एवं बकाया वेतन सहित अन्य समस्याओं के निदान को लेकर चर्चा हुई। अध्यक्षीय संबोधन में अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ की महिला उपसमिति की संयोजिका बिदु कुमारी सिंह ने कहा कि सरकार के द्वारा घोषित जबरन सेवा निवृत्ति कानून का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। सभा को राज्य कमेटी के संयुक्त मंत्री सुवेश सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की नजर में कर्मियों का वेतन प्राथमिकता में नहीं है। इसलिए कर्मियों के लिए आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचा है। महासंघ के जिला मंत्री राम कुमार झा ने कहा कि अब आंदोलन ही एकमात्र उपाय है। जिला मंत्री राजीव रंजन ने कहा कि कोरोना संकट में सभी कर्मचारी जी-जान से ड्यूटी में लगे रहे और सरकार नया-नया फरमान जारी कर रही है। इसलिए सरकार 50 साल में रिटायर करने के आदेश को जल्द वापस लें। कर्मचारियों के बकाया वेतन का अविलंब भुगतान नहीं करने पर चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मांगों के समर्थन में आगामी 20 फरवरी को सिविल सर्जन के समक्ष प्रदर्शन, 16 व 17 मार्च को प्रदेश स्तर पर आशा का धरना दिया जाएगा। इसके बाद 20 मार्च को चिकित्सा संघ द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा। सभा को बिहार राज्य भूमि सुधार कर्मचारी संघ के संजीव कुमार ठाकुर, दिलीप कुमार, सुनिल कुमार, अभिषेक कुमार, मंजू कुमारी, सौचेंद्र कुमार, अनिता कुमारी, नमिता कुमारी, विभा कुमारी, संगीता कुमारी, पूनम कर्ण, आशामणि चौधरी आदि ने संबोधित किया।