आपदा से लड़ने के बदले अधिनायकवादी हमले कर रही सरकार

सरकार पर श्रमिक विरोधी नीति अख्तियार करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने रविवार को समाहरणालय पर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही मजदूर-किसान और जन विरोधी निर्णयों से उत्पन्न व्यापक असंतोष के प्रति सरकार के नकारात्मक रवैये के विरुद्ध विरोध जताया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 01:35 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 06:14 AM (IST)
आपदा से लड़ने के बदले अधिनायकवादी हमले कर रही सरकार
आपदा से लड़ने के बदले अधिनायकवादी हमले कर रही सरकार

समस्तीपुर । सरकार पर श्रमिक विरोधी नीति अख्तियार करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने रविवार को समाहरणालय पर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही मजदूर-किसान और जन विरोधी निर्णयों से उत्पन्न व्यापक असंतोष के प्रति सरकार के नकारात्मक रवैये के विरुद्ध विरोध जताया। इसमें सीआईटीयू, अखिल भारतीय किसान सभा, खेतिहर मजदूर यूनियन, एटक, इंटक, एआईटीयूसी, बीएसएसआर यूनियन, रसोईया यूनियन, ऑटो चालक संघ, ट्रांसपोर्ट फेडरेशन, परिवहन मित्र, रिक्शा चालक संघ के सदस्य शामिल रहे। इस दौरान एक सभा हुई। वक्ताओं ने कहा कि यह सरकार आपदा से लड़ने की बजाए किसान-मजदूरों सहित आम जनता पर अधिनायक वादी हमले कर रही है। प्रदर्शन में सीआईटीयू जिला के सचिव मनोज गुप्ता, अनुपम कुमार, रघुनाथ राय, पार्थो सिन्हा, डॉ. एसएमए इमाम, रामप्रकाश यादव, श्याम सुंदर कुमार, एटक के सुधीर कुमार देव, सुरेंद्र कुमार मुन्ना, पूनम कुमारी, अजय कुमार, उपेंद्र राय, भोला राय, राम सागर पासवान, रामाश्रय महतो, सत्यनारायण सिंह, मिहिर गुप्ता, विजय कुमार, अविनाश कुमार, शशिकांत, अशोक कुमार पुष्पम, हरि राजन झा, नितेश कुमार सहित अन्य उपस्थित रहे। प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें

प्रदर्शनकारियों ने सभी को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने, श्रम कानून में किए गए संशोधन को वापस लेने, भारतीय श्रम सम्मेलन का अनुमोदन लागू करने, श्रमिकों को अगले छह महीने तक प्रति व्यक्ति 10 किलो मुफ्त राशन देने, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा सेवाओं का निजीकरण बंद करने, सभी गैर कर दाता परिवार को प्रत्येक महीने 7500 रुपये सहायता करने, बाढ़ पीड़ितों को पर्याप्त राहत देने, स्वयं सहायता समूह के माध्यम से लिए गए ऋण को माफ करने, मनरेगा के तहत काम की गारंटी देने की मांग की।

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