रोसड़ा में सरकारी आवास बदहाल, सामने तैर रही जलकुंभी
सरकार और विभाग द्वारा भले ही सर्वांगीण विकास का ढोल पीटा जा रहा हो लेकिन हकीकत इससे अलग है। ग्रामीण क्षेत्र तो दूर शहर में भी कई महत्वपूर्ण कार्य नहीं हो रहे। ऐसे ही अति महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल है रोसड़ा नगरपंचायत की जल निकासी योजना।
समस्तीपुर । सरकार और विभाग द्वारा भले ही सर्वांगीण विकास का ढोल पीटा जा रहा हो, लेकिन हकीकत इससे अलग है। ग्रामीण क्षेत्र तो दूर शहर में भी कई महत्वपूर्ण कार्य नहीं हो रहे। ऐसे ही अति महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल है रोसड़ा नगरपंचायत की जल निकासी योजना। दशकों से इस योजना पर चर्चा चल रही है, लेकिन अमल में नहीं लाया गया। इस बीच कई बोर्ड के भी गठन हुए। विभिन्न बैठकों में प्रस्ताव भी लाया गया। लेकिन, आज तक रोसड़ा शहर की जल निकासी की कोई ठोस योजना नहीं बन सकी। यही कारण है कि अनुमंडल कार्यालय व व्यवहार न्यायालय के निकट सरकारी आवास के सामने सालों भर गंदे पानी का जमाव लगा रहता है। आज भी उस पर तैरती हरी जलकुंभी लगातार जलजमाव रहने की पुष्टि करती दिखती है। सरकारी भूमि पर जमा होता नगर पंचायत क्षेत्र से निकले नालों का गंदा पानी
यही नजारा अनुमंडलीय अस्पताल के पीछे पशु चिकित्सालय परिसर में भी दिखता है। दोनों ही सरकारी भूमि पर नगर पंचायत क्षेत्र से निकले
नालों का गंदा पानी आकर जमा हो जाता है। इन स्थलों से आगे जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं रहने के कारण सालों भर दुर्गंध युक्त पानी जमा रहता है। इससे परेशान आसपास के लोगों द्वारा कई बार निजात दिलाने की मांग की जा चुकी है। लेकिन, छुटकारा मिलने की जगह उसके जलस्तर में वृद्धि ही दर्ज की जा रही है। पशुपालन विभाग एवं व्यापार मंडल द्वारा भी कई बार अपने परिसर को गंदे पानी के जमाव से मुक्त करने के लिए नगर पंचायत प्रशासन से पत्राचार किया जा चुका है। बरसात के मौसम में इस क्षेत्र का हाल अत्यंत ही बुरा हो जाता है, गंदे पानी का झील उपटकर सड़क और आवासीय परिसर तक में बहने लगता है। दुर्गंध से परेशान पदाधिकारी एवं कर्मियों के साथ-साथ आम लोगों में महामारी की आशंका भी बनी रहती है। विगत वर्ष तक मानसूनी बरसात में इस शहर को लोगों ने तैरते देखा है। और, पुन: मानसून का दस्तक सुनते ही लोगों के सामने जलजमाव की गंभीर समस्या का आभास होने लगा है। विगत कई वर्षों से फजीहत झेल रहे शहरवासी
हालांकि, नपं प्रशासन इस वर्ष जलजमाव की समस्या नहीं होने का दावा कर रही है। बावजूद विगत कई वर्षों से झेल रहे शहरवासी अभी भी सहमे हुए हैं। यदि शहर को इस समस्या से निजात दिला भी दिया जाए तो झील में तब्दील बड़े भूभाग में जलस्तर बढ़ना और इससे पूर्व की भांति समस्या और परेशानी उत्पन्न होना भी निश्चित है। मानसूनी बरसात के समय इन स्थलों की हालत यह होती है कि जगह-जगह पंप सेट के सहारे और सड़क तोड़कर जलनिकासी का प्रयास किया जाता है। बयान
रोसड़ा नगर पंचायत क्षेत्र को जलजमाव की संभावित समस्या से निजात दिलाने को सभी उपाय किए गए हैं। प्लानिग के तहत सभी नालों की उड़ाही कराई गई है। समस्या से निजात के लिए पंप सेटों की खरीद की गई है। साथ ही, नगर पंचायत स्तर पर तीन शिफ्टों में टीम का गठन किया गया है। इसमें प्रभारी के साथ कुल 15 से 20 मजदूर को भी तैनात किया गया है।
जयचंद्र अकेला
कार्यपालक पदाधिकारी
नगर पंचायत, रोसड़ा