कोरोना काल में काम नहीं आया आयुष्मान भारत योजना का गोल्डन कार्ड

समस्तीपुर। कोरोना काल में सेहत की कोई गारंटी नहीं रही। सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं मिला तो प्राइवेट में ऐसे लोगों को कोई छूट नहीं मिली।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:31 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:31 PM (IST)
कोरोना काल में काम नहीं आया आयुष्मान भारत योजना का गोल्डन कार्ड
कोरोना काल में काम नहीं आया आयुष्मान भारत योजना का गोल्डन कार्ड

समस्तीपुर। कोरोना काल में सेहत की कोई गारंटी नहीं रही। सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं मिला तो प्राइवेट में ऐसे लोगों को कोई छूट नहीं मिली। सरकार द्वारा निर्धारित दर से अस्पताल का खर्च भी इन पर भारी पड़ा, क्योंकि जिले के किसी भी निजी अस्पताल में आयुष्मान योजना का कोई लाभ नहीं मिल पाया। संकट काल में प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान का लाभ बंद रहा। जिले में आयुष्मान योजना में कवर्ड लाभार्थियों की संख्या 3.03 लाख है। जिले में पात्र लाभार्थियों की संख्या 26 लाख 94 हजार 227 है। अभी तक तीन लाख तीन हजार 37 गोल्डन कार्ड बन चुका है। शेष 23 लाख 91 हजार 190 लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड बनाया जाना है। समस्तीपुर में एक भी लाभार्थी का नहीं हुआ इलाज

कोरोना की दूसरी लहर में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना (पीएम-जय) के तहत कोरोना संक्रमित एक भी मरीज का इलाज नहीं किया गया। योजना से जुड़े जिले के किसी भी हॉस्पिटल में एक भी मरीज भर्ती नहीं हो पाया। जिसे आयुष्मान का लाभ मिल सके। जबकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 4 अप्रैल, 2020 को ही कोरोना की जांच से लेकर इलाज तक को योजना में शामिल कर दिया था। जिले में आयुष्मान भारत योजना की डीपीसी कंचन माला का कहना है कि आयुष्मान हेल्थ कार्ड पर कोरोना मरीजों का इलाज नहीं हुआ है। योजना के तहत जिले में अब तक 14 हजार 318 लोगों का इलाज हुआ, लेकिन यह कोविड से संक्रमित नहीं थे। रेट और लेट पेमेंट भी हो सकता है बड़ा कारण

कैशलेस स्कीम के तहत आयुष्मान कार्डधारी परिवार एक वर्ष में 5 लाख रुपए तक का इलाज करवा सकते हैं। हर इलाज का रेट तय है। अगर मरीज को आईसीयू में रखना है तो अस्पताल एक दिन का अधिकतम 4-5 हजार रुपए ले सकते हैं, जबकि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बड़े निजी अस्पताल 15 से 20 हजार तक लिए। वहीं, आयुष्मान कार्ड से कैशलेस इलाज के बाद बिल जमा करने पर भुगतान में एक महीने या ज्यादा लग जाता है। ऐसे लोगों को मिलता है आयुष्मान का लाभ

ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे गरीब परिवार, बेघर लोग, जिस परिवार में कोई विकलांग हो, भूमिहीन परिवार, मजदूर, ऐसा परिवार जिसके सिर पर छत नहीं, सफाईकर्मी को योजना का लाभ मिलता है जबकि शहरी क्षेत्र में चौकीदार, बिजली मिस्त्री, घरेलू मेड, माली, सफाईकर्मी, कारीगर, दर्जी, ड्राइवर, कंडक्टर, रिक्शा-गाड़ी खींचने वाले, निर्माण श्रमिक, प्लंबर, वेल्डर, राजमिस्त्री, पेन्टर, सिक्योरिटी गार्ड, दुकानदार को लाभ मिलता है।

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