कल्याणपुर में हुई भारी बारिश से चौर हुए जलमग्न, कैसे होगी धान की बुआई
समस्तीपुर। कृषि विभाग के द्वारा इस साल खरीफ फसल का लक्ष्य प्रखंड के 4200 हेक्टेयर में करने का
समस्तीपुर। कृषि विभाग के द्वारा इस साल खरीफ फसल का लक्ष्य प्रखंड के 4200 हेक्टेयर में करने का रखा गया था। शनिवार की रात के 39.4 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा पिछले कई दिनों से लगातार प्रखंड क्षेत्र में बारिश हो रही है। मुसलाधार बारिश होने से कल्याणपुर प्रखंड से लेकर जितवरिया गांव तक करीब दो हजार हेक्टेयर से ज्यादा की भूमि जो चौर है,उसमें पानी लग गया है। पकड़ी जुरखा चौर जो रामभद्रपुर स्टेशन तक फैला है लगभग 3000 एकड़ से अधिक है। खरसंड गढि़या चौर लगभग 300 एकड़ का है। मालीनगर फुलहटा चौर लगभग 2500 एकड़ का है। इसके अलावा चकहैदर कोयला कुंड, रतवारा, अजना, सरौनी के एक हजार एकड़ से अधिक का है। इन सभी में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में इन चौरों में धान की रोपाई संभव नहीं दिखती। पहले से जो धान रोप दिए गए, वह भी डूबने लगा है। इसके कारण किसानों में काफी मायूसी है। किसानों का कहना है कि कैसे हम सबों की कोठी भरेगी, कहा नहीं जा सकता। चकहैदर गांव के किसान संजय चौधरी, बखरी गांव के किसान चंद्रभूषण शर्मा, त्रिलोकी नाथ शर्मा, बरहेता गांव के बूटन ठाकुर, शंकर देव, हरीश देव, मुकेश कुमार, दीपक, अजना गांव के रामदेव महतो, रविद्र राय, चंदेश्वर महतो, जुरखा गांव के नंदकिशोर यादव, उदगार यादव, फुलहारा गांव के भूपनारायण शर्मा, खजूरी गांव के भुवनेश्वर ठाकुर, कल्याणपुर गांव के गौतम ठाकुर, बख्तियारपुर के जयजय ठाकुर, महेश ठाकुर आदि ने बताया कि खेतों में जलजमाव से खरीफ फसल पर ग्रहण लग गया है। इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी अरुण कुमार चौधरी ने बताया कि भारी वर्षा के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। शनिवार की रिकॉर्ड 39.4 मिलीमीटर वर्षा होने के कारण खेतों में अत्यधिक जलजमाव हो गया है। अब खरीफ फसल का लक्ष्य पूरा होने पर भी ग्रहण लग गया है। जब तक जल निकासी की व्यवस्था नहीं होती तब तक यह संभव भी नहीं दिखता है।