एशियन गेम्स में डेब्यू को उत्सुक है युवा शूटर संजीव
समस्तीपुर। पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। इस कथन को चरितार्थ कर दिखाया ह
समस्तीपुर। पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। इस कथन को चरितार्थ कर दिखाया है सरायरंजन प्रखंड के हरसिगपुर निवासी युवा शूटर संजीव कुमार गिरि ने। विगत 2 वर्षों से इस युवा शूटर ने राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में कई पदक जीतकर 2022 में होने वाले एशियन गेम्स में अपनी दावेदारी को पुख्ता कर दिया है। यह युवा शूटर अवकाशप्राप्त सैन्य अधिकारी गणेशानंद गिरि का पुत्र है। फिलहाल वह 7 वर्षों से भारतीय लेखा और सांख्यिकी विभाग चेन्नई में कार्यरत है। सर्विस ज्वाइन करने के पश्चात 2017 से इसने एथलेटिक्स में अपनी सक्रियता बढ़ाई। वहीं नियमित अभ्यास से जब्लिग, डिस थ्रो शॉटपुट आदि खेलों में इसने जल्द ही महारत हासिल कर ली। पहली बार 2019 में इसने चेन्नई यूथ फेस्टिवल के दौरान पैराशूटिग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद तमिलनाडु में राज्य स्तरीय पावर लिफ्टिग प्रतियोगिता में इसने सिल्वर मेडल जीता । इस वर्ष इसने अपना ध्यान सिर्फ पैराशूटिग प्रतियोगिताओं पर ही केंद्रित किया । नतीजतन लॉकडाउन शुरू होने से पूर्व इसने कई मेडल अपने नाम किए हैं । मार्च 2021 में गुड़गांव में आयोजित जोनल शूटिग प्रतियोगिता में इसने प्रथम रैंक प्राप्त किया । वहीं मार्च 2021 में फरीदाबाद में आयोजित प्रथम राष्ट्रीय पैरा शूटिग चैंपियनशिप में इसे कांस्य पदक मिला, जिसे इसने अपने दिवंगत भाई एथलीट संतोष कुमार गिरि के नाम समर्पित किया। पैराशूटिग प्रतियोगिता में मिल रही सफलताओं को लेकर तमिलनाडु सरकार ने इसे पुरस्कार स्वरूप 2 लाख रुपए देने की घोषणा की है। यह युवा शूटर अपना आदर्श भारत के प्रसिद्ध व्हीलचेयर्स रेसर विजय साथी को मानता है। जिनकी प्रेरणा से वह इस मुकाम तक पहुंचा है। उसका अगला लक्ष्य एशियन गेम्स एवं ओलंपिक गेम्स 2022 में भागीदारी देने की है, जिसके लिए वह अनुशासित होकर नियमित रूप से कठिन अभ्यास में जुटा है।