विधायक ने ली रोसड़ा अनुमंडल अस्पताल की स्थिति की जानकारी

समस्तीपुर। रोसड़ा के स्थानीय भाजपा विधायक वीरेंद्र कुमार ने अनुमंडल अस्पताल भवन रोसड़ा की जज

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Jun 2021 11:17 PM (IST) Updated:Mon, 28 Jun 2021 11:17 PM (IST)
विधायक ने ली रोसड़ा अनुमंडल अस्पताल की स्थिति की जानकारी
विधायक ने ली रोसड़ा अनुमंडल अस्पताल की स्थिति की जानकारी

समस्तीपुर। रोसड़ा के स्थानीय भाजपा विधायक वीरेंद्र कुमार ने अनुमंडल अस्पताल भवन रोसड़ा की जर्जर स्थिति को ले बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने अस्पताल के पुराने भवन की जगह नए भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह के साथ ओपीडी भवन से संबंधित निर्माण एजेंसी एवं अभियंता के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। दैनिक जागरण में 'टपकते पानी और टूट कर गिर रहे छत के नीचे की जाती है मरीजों की चिकित्सा' शीर्षक से छपी खबर पर संज्ञान लेते हुए विधायक ने उक्त कार्रवाई की है । उन्होंने निर्माण के बाद से ही दो मंजिला ओपीडी भवन में पानी का रिसाव होना और आज भी जगह जगह से पानी टपकने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए निर्माण की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है। विधायक ने इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन से भी जानकारी लेते हुए अविलंब इस ओर सकारात्मक पहल का आश्वासन भी दिया है। विभागीय मंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने टूट टूट कर गिरते छत और बारिश के दौरान दोनों भवनों में टपकते पानी का जिक्र करते हुए इसे मरीज के साथ-साथ चिकित्सकों व कर्मियों के लिए भी गंभीर समस्या व खतरे की घंटी करार दिया है। उन्होंने सरकार द्वारा एक ओर स्वास्थ्य व्यवस्था को सु²ढ़ करने के लिए कई प्रकार की योजनाएं जारी रखना बताते हुए कहा कि रोसड़ा अस्पताल का भी कायाकल्प जरूरी है। विधायक ने करीब 15 वर्ष पूर्व बने ओपीडी नए भवन की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए संबंधित संवेदक एवं तत्कालीन अभियंताओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता बताया है। सरकार के महत्वपूर्ण योजना में हुई गड़बड़ी की तकनीकी विशेषज्ञों से जांच कराने तथा दोषी के विरुद्ध हर हाल में कार्रवाई करने पर बल दिया है। बताते चलें कि सोमवार को दैनिक जागरण के पृष्ठ संख्या 5 पर अस्पताल की दुर्दशा पर विस्तार से खबर प्रकाशित की गई थी। जिसमें तस्वीरों के साथ भवन की स्थिति एवं बारिश के दौरान मरीजों की हो रही इलाज व्यवस्था को दर्शाया गया था। करीब एक दशक से जर्जर स्थिति में खड़ा इस भवन को सरकारी उपेक्षा का शिकार बताते हुए लगातार पत्राचार के बावजूद इसका कायाकल्प नहीं होने की चर्चा की गई थी। करीब 15 लाख की आबादी का जिम्मा संभाले अस्पताल की दुर्दशा पर सरकार का ध्यान आकृष्ट नहीं होने को सरकारी दावे को खोखला करार दिया गया था। उक्त खबर पर ही विधायक वीरेंद्र कुमार ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई प्रारंभ की। साथ ही अस्पताल प्रबंधन को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया है।

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