अगले चौबीस घंटे में कुछ जिलों में हो सकती है भारी वर्षा

समस्तीपुर। उत्तर बिहार के कुछ जिलों में अगले चौबीस घंटे में भारी वर्षा हो सकती है। जबकि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 10:58 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 10:58 PM (IST)
अगले चौबीस घंटे में कुछ जिलों में हो सकती है भारी वर्षा
अगले चौबीस घंटे में कुछ जिलों में हो सकती है भारी वर्षा

समस्तीपुर। उत्तर बिहार के कुछ जिलों में अगले चौबीस घंटे में भारी वर्षा हो सकती है। जबकि मानसून की सक्रियता के कारण अन्य स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने का अनुमान है। यह कहना है मौसम विभाग का। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के द्वारा शुक्रवार को अगले 12 जून तक के लिए जारी मौसम पूर्वानुमान में यह बात कही गई है। मौसम विभाग के अनुसार

पूर्वानुमानित अवधि में मानसून के सक्रिय रहने की संभावना है। जिसके कारण उत्तर बिहार के अधिकतर जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। वहीं अगले 24 से 48 घंटों मे बेगूसराय, गोपालगंज, सारण, पूर्वी तथा पश्चिमी चंपारण जिलों के कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने का अनुमान है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 30 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। जबकि न्यूनतम तापमान 20 से 23 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने का अनुमान है। सापेक्ष आ‌र्द्रता सुबह में 80 से 85 प्रतिशत तथा दोपहर में 50 से 60 प्रतिशत रहने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार पूर्वानुमानित अवधि में मुख्यत: पूरवा हवा औसतन 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने का अनुमान है। किसानों के लिए जारी समसामयिक सुझाव में कहा गया है कि अच्छीवर्षा का लाभ उठाते हुए लम्बी अवधि के धान की रोपनी के लिए खेतों का मेड़ तैयार कर लें। रोपाई के समय लम्बी अवधि की किस्मों के लिए 30 किलोग्राम नेत्रजन, 60 किलोग्राम स्फूर एवं 30 किलोग्राम पोटाश के साथ 25 किलोगाम जिक सल्फेट या 15 किलोग्राम प्रति हेक्टर चिलेटेड जिक का व्यवहार करें। रोपे हुए धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण के कार्य को प्राथमिकता दें। धान का बीज नर्सरी में प्राथमिकता से गिरावें। मध्यम अवधि के लिए संतोष, सीता, सरोज, राजश्री, प्रभात, राजेन्द्र सुवासनी, राजेन्द्र कस्तुरी, राजेन्द्र भगवती, कामिनी, सुगंधा किस्में अनुशंसित है। एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपाई के लिए 800-1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बीज गिरावें। नर्सरी में क्यारी की चौड़ाई 1.25-1.5 मीटर तथा लम्बाई सुविधानुसार रखें। बीज को बविस्टिन 2 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से मिलाकर बीजोपचार करें। 10 से 12 दिनों के बिचड़े वाली नर्सरी से खर-पतवार निकालें।

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