सरायरंजन के छात्र-छात्राओं ने भी सब इंस्पेक्टर की परीक्षा में मारी बाजी

समस्तीपुर। बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा सब इंस्पेक्टर पद पर बहाली हेतु आयोजित प्रतियोगिता प

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 10:49 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 10:49 PM (IST)
सरायरंजन के छात्र-छात्राओं ने भी सब इंस्पेक्टर की परीक्षा में मारी बाजी
सरायरंजन के छात्र-छात्राओं ने भी सब इंस्पेक्टर की परीक्षा में मारी बाजी

समस्तीपुर। बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा सब इंस्पेक्टर पद पर बहाली हेतु आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा में सरायरंजन के छात्र-छात्राओं ने भी सफलता प्राप्त कर प्रखंड का नाम रोशन किया है। प्रखंड के अहमदपुर निवासी साहित्यकार सह पर्यावरणविद रंजीत सिंह दूरदर्शी के पुत्र शांति रमण ने सब इंस्पेक्टर के पद पर चयनित होकर सरायरंजन का मान बढ़ाया है। वहीं उसका चयन असिस्टेंट कमांडेंट पद पर भी हो चुका है। शांति रमण बाल्यावस्था से ही प्रतिभाशाली छात्र रहा है। उसकी सफलता पर उसके दादा रामश्रेष्ठ प्रसाद सिंह, दादी रामप्यारी देवी, पिता रंजीत सिंह दूरदर्शी, माता मीरा सिंह, भाई गोपी रमण एवं बहन भारती रमण ने बधाई दी है। वहीं गुढ़मा निवासी व्यवसायी संजय कुमार ईश्वर एवं गुंजन देवी की पुत्री शालिनी कुमारी का चयन सहायक कारा अधीक्षक के पद पर हुआ है। फिलहाल यह प्रतिभावान छात्रा कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम की प्रतीक्षा में है। उसकी सफलता पर दादा वैद्यनाथ ईश्वर, जगन्नाथ ईश्वर, विश्वनाथ ईश्वर, अमरनाथ ईश्वर ,सुनील कुमार ईश्वर आदि ने बधाई दी है। इधर, प्रखंड के हरसिंहपुर महरी निवासी व्यवसायी सत्येंद्र कुमार साह की पत्नी मिथिलेश कुमारी भी सब इंस्पेक्टर के पद पर चयनित हुई हैं। मिथिलेश अपनी सफलता का श्रेय पिता सतीशचंद्र साह, मां धर्मशीला देवी के अलावा ससुर जवाहर साह, सास उर्मिला देवी, पति सतेंद्र कुमार साह को देती हैं। उनकी सफलता पर पंचायत के मुखिया रामश्रेष्ठ राय ,सरपंच धनेश्वर राय , समाजसेवी बहादुर दास, संजय कुमार राय आदि ने बधाई दी है। किसान पुत्र ने दारोगा की परीक्षा पास कर बढ़ाया समाज का मान उजियारपुर। प्रखंड के महिसारी पंचायत निवासी किसान देवनारायण राय का पुत्र पंकज कुमार दारोगा की परीक्षा पास कर अपने क्षेत्र, समाज और माता-पिता का गौरव बढ़ा दिया। पंकज किसान परिवार में रहते हुए पढ़ाई के साथ- साथ पिता को भी कृषि कार्य में सहयोग करते रहा है। उसकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई। उच्च विद्यालय हसौली कोठी से मैट्रिक पास करने के बाद स्नातक की परीक्षा समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर से पूरी की। इसके बाद उसने कठिन परिश्रम कर दारोगा की परीक्षा में सफलता हासिल की। पंकज ने साबित कर दिया कि घर पर भी पढ़ाई कर अपने मुकाम को पाया जा सकता है। वहीं गांव में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पंकज से सीख लेनी चाहिए। पंकज अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और मित्रों को देते हैं।

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