आर्थिक तंगी के शिकार अधिवक्ताओं ने की विशेष पैकेज की मांग

समस्तीपुर। व्यवहार न्यायालय रोसड़ा के अधिवक्ताओं ने विगत 14 माह से कोरोना संक्रमण के कारण

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:23 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:23 PM (IST)
आर्थिक तंगी के शिकार अधिवक्ताओं ने की विशेष पैकेज की मांग
आर्थिक तंगी के शिकार अधिवक्ताओं ने की विशेष पैकेज की मांग

समस्तीपुर। व्यवहार न्यायालय रोसड़ा के अधिवक्ताओं ने विगत 14 माह से कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक तंगी की स्थिति उत्पन्न होना बताते हुए सरकार से विशेष पैकेज देने की मांग की है। अनुमंडल पदाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं विधि मंत्री को प्रेषित पत्र में अधिवक्ताओं ने लॉकडाउन के बीच विहित प्रक्रिया के तहत न्यायालय का संचालन नहीं होने के कारण अधिवक्ताओं के साथ साथ अधिवक्ता लिपिक के समक्ष भी आर्थिक संकट उत्पन्न होना बताया है। राज्य में एक लाख से ज्यादा वकील एवं लिपिकों का कार्य बाधित रहने के कारण उनके समक्ष जीविकोपार्जन का संकट उत्पन्न रहने की जानकारी दी है। बावजूद केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इस समुदाय की सुधि नहीं लेने पर खेद भी प्रकट किया है। अन्य राज्यों में वकील समुदाय को सरकारी स्तर पर राहत मिलने का दावा करते हुए अधिवक्ताओं ने राज्य के वकील एवं लिपिक समुदाय के आर्थिक संकट को दूर करने के लिए ढाई सौ करोड़ का पैकेज देने की मांग की है। वही कोरोना संक्रमण से मृत अधिवक्ताओं के परिजनों को कम से कम 5 लाख मुआवजा देने पर बल दिया है। इसके अलावा संक्रमित वकीलों एवं उनके परिजनों का इलाज सरकारी स्तर पर कराए जाने की भी मांग की है। सुरेंद्र कुमार सिंह मुन्ना के संयोजन में 51 अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर युक्त मांग पत्र सौंपने वालों में मुख्य रूप से उपेंद्र ठाकुर, शतीकांत सहनी, लक्ष्मी यादव, महेश प्रसाद सिंह, महेंद्र महतो, पवन कुमार सिंह, रामकुमार, वरुण चंद्र कुंवर, पूनम कुमारी, गायत्री कुमारी, संजय सिंह, विनोद कुमार सिंह ,मुकेश कुमार सिंह एवं शिवजी प्रसाद सिंह शामिल थे। पीएचसी में स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था चालू करवाने की मांग उजियारपुर। प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पैथोलॉजी जांच की व्यवस्था पूरी तरह ठप है। जबकि स्वास्थ्य जांच के लिए क्षेत्र के लोग भटकते फिरते हैं। गरीब-गूरबे स्वास्थ्य जांच करवाने में असमर्थ होकर अपनी बीमारी का इलाज करवाने में परेशान हो रहे है। चिकित्सा विभाग के कर्मियों का कहना है कि जांच सामग्री उपलब्ध नहीं है। उक्त शिकायत करते हुए राजद प्रखंड सचिव उमाकांत सहनी ने कहा कि गरीबों के लिए डायबिटीज, टीवी आदि बीमारी की जांच की सुविधा बंद है। इसे जिला प्रशासन शीघ्र चालू करावें।

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