पटरी पर नहीं लौटी कोरोना की भेंट चढ़ी आरटीपीएस
समस्तीपुर। जब सब कुछ सामान्य चल रहा था उस समय प्रतिदिन आरटीपीएस काउंटर से 250 से 300 तक आ
समस्तीपुर। जब सब कुछ सामान्य चल रहा था उस समय प्रतिदिन आरटीपीएस काउंटर से 250 से 300 तक ऑफलाइन आवेदन आता था। सरकार द्वारा ट्रायल के बाद सर्विस प्लस की सुविधा बढ़ा दी गई तो प्रतिदिन ऑनलाइन और ऑफलाइन मिलाकर यह संख्या बढ़कर 500 से ऊपर तक पहुंची। मगर, प्रखंड मुख्यालय परिसर स्थित इसी काउंटर को कोरोना की दूसरी लहर ने वीरानगी के हवाले कर दिया है। इन दिनों यहां लोक सेवाओं के अधिकार के तहत आवेदकों को दी जाने वाली सारी सुविधाएं ऑनलाइन हो रही है। क्योंकि, निदेश के आलोक में आगामी 15 जून तक काउंटर से ऑफलाइन आवेदन जमा नहीं लिया जाना है। इसलिए यहां काउंटर तक इक्का-दुक्का लोग हीं पहुंचते हैं। यूं कहें कि लॉकडाउन के चलते चरमराई व्यवस्था अब भी पटरी पर नहीं लौट पाई है। क्षेत्र के लोग भी उक्त माहौल से उबर नहीं पाए हैं। ऐसा नहीं है कि कार्यों का निष्पादन नहीं हो रहा। हाल हीं में जिलास्तर पर हुई समीक्षा के बाद इन कार्यों के निष्पादन में विभूतिपुर को अव्वल रहने का दावा प्रखंड प्रशासन द्वारा किया गया है। मगर, अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि लंबित आवेदनों की संख्या स्वीकृत, अस्वीकृत और निष्पादित आवेदनों की संख्या पर भारी पड़ रहा है। विगत 1 जून से 10 जून तक के आंकड़े
कोरोना की दूसरी लहर के साथ आरटीपीएस की नई व्यवस्था में आवेदकों की औसतन दैनिक संख्या नगण्य हुई है। कार्यालय से प्राप्त कराए गए आंकड़ों के मुताबिक विगत 1 से 10 जून तक आवासीय प्रमाण पत्र के लिए 205 आवेदन प्राप्त हुए और इसमें 115 लंबित, 82 स्वीकृत, 8 अस्वीकृत व 90 निष्पादित हुए हैं। जाति प्रमाण पत्र के लिए 183 आवेदन प्राप्त हुए और इसमें 99 लंबित, 72 स्वीकृत, 12 अस्वीकृत व 84 निष्पादित हुए हैं। आय प्रमाण पत्र के लिए 120 आवेदन प्राप्त हुए और इसमें 70 लंबित, 31 स्वीकृत, 19 अस्वीकृत व 50 निष्पादित हुए हैं। एनसीएल (सीओ) के लिए 18 आवेदन प्राप्त हुए हैं और इसमें 11 लंबित, 3 स्वीकृत, 4 अस्वीकृत व 7 निष्पादित हुए हैं। वहीं ईडब्लूएस के लिए 17 आवेदन प्राप्त हुए हैं और इसमें 15 लंबित, 2 स्वीकृत, 0 अस्वीकृत व 2 निष्पादित होना बताया गया है। बरत रहे सावधानी
आरटीपीएस के सभी कार्यरत कर्मी निर्देशानुसार कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन कर रहे। काउंटर की खिड़की बंद ही रहती है। हालांकि, जानकारी के अभाव में इक्का-दुक्का लोग खिड़की से आवाज लगाकर सेवा संबंधी जानकारी लेते हैं। आरटीपीएस कक्ष के भीतर चेहरे पर मास्क लगाए कर्मी सिस्टम पर कार्यो का निपटारा करते दिखाई पड़ते हैं। काउंटर पर पहुंचे लोगों की जुबानी
आरटीपीएस की पड़ताल करने दैनिक जागरण की टीम शुक्रवार को प्रखंड मुख्यालय परिसर पहुंची। यहां काउंटर के आसपास वीरानगी छाई रही। घंटों बाद बोरिया निवासी कृष्णदेव यादव आवासीय प्रमाण पत्र लेने काउंटर पर पहुंचे। वे कहते हैं कि कार्यरत कर्मी धर्मेंद्र कुमार, विपिन कुमार, रंजीत कुमार, प्रेम कुमार और आशीफ आदि ने जानकारी देते हुए उन्हें किसी वसुधा केंद्र या इंटरनेट दुकान से प्रमाण पत्र प्रिट करवा लेने की सलाह दी है। वहीं दूसरी तरफ देसरी कर्रख पंचायत के मनोज कुमार राशन कार्ड की अंतिम स्थिति जानने पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी सुनैना देवी ने विगत 25 जनवरी को इसके लिए आवेदन कर रखा था। काउंटर पर मौजूद कर्मी राजेश कुमार ने उन्हें प्रपत्र ''क'' के बजाय प्रपत्र ''ख'' भरकर आवेदन करने की सलाह दी है। पारिवारिक सूची में नाम अंकित होने की बातों से अवगत कराया है। कहते हैं अंचलाधिकारी
लॉकडाउन अवधि में निर्देशानुसार सभी कर्मियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। प्राप्त आवेदनों के निपटारा के मामले में विभूतिपुर अव्वल रहा है। लंबित आवेदनों का निष्पादन जल्द किया जाएगा। - आदित्य बिक्रम, अंचलाधिकारी विभूतिपुर