विवि में चार नए अनुसंधान केंद्रों की होगी स्थापना : कुलपति

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति डॉ. आरसी श्रीवास्तव ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडोत्तोलन किया। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों की ओर से इस अवसर पर झांकी भी निकाली गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Aug 2019 12:22 AM (IST) Updated:Sat, 17 Aug 2019 12:22 AM (IST)
विवि में चार नए अनुसंधान केंद्रों की होगी स्थापना : कुलपति
विवि में चार नए अनुसंधान केंद्रों की होगी स्थापना : कुलपति

समस्तीपुर । डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति डॉ. आरसी श्रीवास्तव ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडोत्तोलन किया। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों की ओर से इस अवसर पर झांकी भी निकाली गई। मौके पर कुलपति डॉ. आरसी श्रीवास्तव ने वैज्ञानिकों, कर्मचारियों व मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारे देश में तेजी से तकनीक, शिक्षा, खेल, वित्त, कृषि और कई दूसरे क्षेत्रों में विकास हो रहा है। विश्वविद्यालय के विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना 1970 में हुई थी। अपने स्थापना काल से विश्वविद्यालय ने शिक्षा,अनुसंधान, प्रसार शिक्षा व अन्य सभी गतिविधियों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। मानव संसाधन तैयार करने के साथ-साथ फसल सुधार सहित विभिन्न फसलों के कई किस्म विकसित किए हैं। 3 दिसंबर 2019 को विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह मनाने की तैयारी कर रहा है। इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर प्रधानमंत्री को आमंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है। कुलपति ने जल संकट पर चर्चा करते हुए कहा कि जल संरक्षण एक औपचारिकता नहीं, बल्कि वक्त की जरूरत है। इसे हम सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर व्यापक रूप से कार्य कर सकते हैं। इसके लिए प्रकृति से प्राप्त जल का संरक्षण तथा जल की बर्बादी और प्रदूषण से रक्षा करना आवश्यक है। उन्होंने पानी की बर्बादी रोकने के लिए सिचाई की नवीनतम तकनीक अपनाने की सलाह किसानों को दी है।

विश्वविद्यालय में शिक्षक तकनीकी व प्रशासनिक पदों का संस्था बार विभाग से स्वीकृति मिल गई है। इससे जल्द ही रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाएगी। विश्वविद्यालय के शिक्षकों को कैरियर एडवांसमेंट योजना के तहत प्रथम चरण में पदोन्नति देने के बाद दूसरे चरण के लिए आमंत्रित किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय में जल्द ही ई-गवर्नेंस लागू हो जाएगा। विश्वविद्यालय इस सत्र से मृदा व जल इंजीनियरिग में पीएचडी पाठ्यक्रम प्रारंभ करने जा रहा है।

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