अपनी सहेलियों को बचाने के क्रम में चली गई चार जानें

समस्तीपुर। उनकी दोस्ती इतनी पक्की थी एक दूसरे की जान पर आफत देख भी अपने आपको नहीं रोक पाइ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 02 Jul 2021 11:37 PM (IST) Updated:Fri, 02 Jul 2021 11:37 PM (IST)
अपनी सहेलियों को बचाने के क्रम में चली गई चार जानें
अपनी सहेलियों को बचाने के क्रम में चली गई चार जानें

समस्तीपुर। उनकी दोस्ती इतनी पक्की थी एक दूसरे की जान पर आफत देख भी अपने आपको नहीं रोक पाई। हर कोई यह देख रही थी कि बचाने जाने में जान का खतरा है बावजूद वे अपने को किनारे नहीं रख पाई। परिणाम यह हुआ कि जान बचाने के इस क्रम में चार लक्ष्मी एक साथ काल के गाल में समा ग। यह तो संयोग था कि आसपास के लोगों ने यह देखा और हल्लाकर सभी को बुलाया तो शुक्रवार की शाम ही शव निकाला जा सका। बताते हैं कि चितराही चौर में चिमनी संचालित है। चिमनी के कारण जगह-जगह बड़ा-बड़ा गडढा बना हुआ है। उसी गढ़े में बारिश का पानी भरा था। खेत भी जलमग्न था। इस कारण सभी किशोरियों उपरी क्षेत्र में बकरी चरा रही थी। खेलते-खेलते पहले लक्ष्मी उस गढ़े के पास गई। पानी के कारण हुए फिसल की वजह से वह सीधे पानी भरे गड़े में डूब गई। उसे उब-डूब करता देख अन्य बच्चियां भी बारी-बारी से अपनी सहेलियों को बचाने के लिए जीतोड़ श्रम करते हुए उधर ही गई लेकिन उस गढ़े के फिसलन ने सभी को अपने आगोश में ले लिया। पल भर में ही सभी के प्राण-पखेरू उड़ गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब रूपम लक्ष्मी को बचाने गई तो उस गढ़े के पास का धंसना ही गिर गया। इससे वह उसमें डूब गई। लोगों ने अन्य दोनों लड़कियों को रोकने का प्रयास भी किया लेकिन वे नहीं रूकी और बारी-बारी से पानी में डूब गई। चारों बच्चियों की मौत हो गई। इसमें मधुमाला के पिता का साया वर्षो पूर्व हट चुका था। मां भी दूसरे जगह शादी कर अपना घर बसा चुकी है। इस कारण मधुमाला अपने नाना कपलेश्वर दास के यहां ही रहती थी। वहीं रोसड़ा थाना क्षेत्र के मुरादपुर गांव निवासी राजेन्द्र दास की पुत्री लक्ष्मी कुमारी अपने ननिहाल नाना-नानी से मिलने आई थी। उसके मौत की खबर मिलते ही स्वजन मुरादपुर से शादीपुर गांव पहुंचे। रूपम कुमारी और हीरामणि कुमारी के स्वजनों का भी रो रो कर बुरा हाल है। सभी की आंखे नम है। एक साथ हुई चार मौत से हर कोई शोकाकुल है। पूरा शादीपुर गांव स्तब्ध है। मुखिया राम बालक सहनी, जिप सदस्य प्रियंका कुमारी, स्वर्णिमा सिंह सभी को ढ़ाढंस बंधाने में लगे है।

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