जयंती पर याद किये गए संत कबीर दास

समस्तीपुर। शहर के गोल्फ फिल्ड रेलवे कॉलोनी उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में गुरुवार को

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 11:21 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 11:21 PM (IST)
जयंती पर याद किये गए संत कबीर दास
जयंती पर याद किये गए संत कबीर दास

समस्तीपुर। शहर के गोल्फ फिल्ड रेलवे कॉलोनी उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में गुरुवार को संत कबीर की जयंती मनाई गई। अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य शाह जफर इमाम ने की। संचालन वरीय शिक्षा बलवंत प्रसाद ने किया। वक्ताओं ने उनके जीवन एवं दर्शन की विस्तृत व्याख्या करते हुए अपने-अपने विचारों को रखा। प्राचार्य ने कहा कि कबीर ने जिस ढंग से अपने समय की रुढि़यों और अंधविश्वासों के खिलाफ आवाज बुलंद की, निश्चित रूप से उस जमाने के लिए एक क्रांतिकारी कदम था। कार्यक्रम को शिक्षक बलवंत प्रसाद, पवन कुमार भगत, रागिनी कुमारी, संतोष कुमार चौधरी, सुजीत कुमार, अवकाश प्राप्त शिक्षक अवर्धन यादव ने संबोधित करते हुए अपने-अपने विचार व्यक्त किए। जीवन के लिए अत्यंत उपयोगी है कबीर के बताए मार्ग मोरवा। मानव जीवन के लिए आज भी प्रासंगिक हैं संत कबीर। उनके द्वारा बताया गया मार्ग काफी सहज और उपयोगी है। स्वामी विवेकानंद परिसर में आयोजित कबीर जयंती को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कही। कहा कि संत कबीर का जीवन दर्शन इतना सरल और रहस्यपूर्ण है कि कम पढ़ा लिखा व्यक्ति भी तुरंत समझ जाता है, जबकि बड़े-बड़े विद्वान भी उनके जीवन दर्शन को समझने में अपना सिर धुनते रहते हैं। कबीर दास जब कहते हैं कि कबीर दास के उलटा बानी, आंगना सुखल घर में पानी। या बरसे कंबल भीगे पानी। तब सामान्य लोगों की बुद्धि चकराने लगती है। लेकिन आत्मा और परमात्मा से जोड़ने के बाद जब इसका रहस्य खुलता है, तब लोग आसानी से समझ कर दंग रह जाते हैं। इसी तरह ईश्वर प्राप्ति के सभी कठिन रास्तों को छोड़ कर कबीर दास जी ने आम लोगों के लिए सहज मार्ग का रास्ता बतलाया है। संत कबीर के सहज मार्ग के अनुसार, जहं जहं चलूं, वहीं परिक्रमा। जो कुछ करूं सो पूजा। जब सोऊं, तब वही दंडवत, और नहीं कुछ दूजा। अर्थात जब मानव अपने जीवन के केंद्र में ईश्वर को स्थापित कर लेता है, तब मानव के द्वारा किए जाने वाले सारे कर्म ही पूजा बन जाते हैं। कबीर का यह सहज जीवन दर्शन संपूर्ण संसार के प्राणियों के लिए अत्यंत उपयोगी है। डॉ रविद्र ब्रह्मचारी, महात्मा नरेंद्र दास, प्रो.अवधेश कुमार झा, कृष्ण कुमार झा, भास्कर कुमार झा, भवेश कुमार झा, हरि ओम कुमार, हरि बोल कुमार, श्यामलाल राय आदि ने कबीर जयंती को संबोधित किया।

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