जिले में बिना प्रस्वीकृति के ही चल रहे हैं दर्जनों निजी स्कूल

समस्तीपुर। जिले में बहुत से निजी प्रारंभिक स्कूल ऐसे हैं जो बिना स्वीकृति के चल रहे हैं। कई स्कूल दूसरे स्कूल की मान्यता पर चलते हैं। वहां किसी मानक का पालन नहीं किया जाता।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 11:43 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 11:43 PM (IST)
जिले में बिना प्रस्वीकृति के ही चल रहे हैं दर्जनों निजी स्कूल
जिले में बिना प्रस्वीकृति के ही चल रहे हैं दर्जनों निजी स्कूल

समस्तीपुर। जिले में बहुत से निजी प्रारंभिक स्कूल ऐसे हैं, जो बिना स्वीकृति के चल रहे हैं। कई स्कूल दूसरे स्कूल की मान्यता पर चलते हैं। वहां किसी मानक का पालन नहीं किया जाता। ऐसे निजी प्रारंभिक स्कूलों को लेकर शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किए हैं। अब बिना स्वीकृति आठवीं तक के स्कूल नहीं चल सकेंगे। साथ ही जिन स्कूलों को ऑफलाइन आवेदन पर स्वीकृति मिली है, उन्हें भी पोर्टल पर डाक्यूमेंट अपलोड करना होगा। जिला स्तर पर गठित त्रिस्तरीय समिति स्कूलों के आवेदन पर स्वीकृति देती है। वह स्थल जांचने के साथ वहां सुविधाएं देखती है।

बता दें कि जिले में एक हजार से अधिक निजी स्कूल हैं, लेकिन विभाग से मात्र 551 विद्यालयों को ही प्रस्वीकृति प्राप्त है। ऐसे में कई स्कूल बिना विभागीय मापदंड को पूरा किए धड़ल्ले से संचालित किए जा रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि विभागीय मापदंड को पूरा कर संचालित हो रहे निजी विद्यालयों को सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय से प्रस्वीकृति दी जाती है। आवेदन आने के बाद निजी विद्यालय प्रस्वीकृति समिति की बैठक होती है। इसमें जिनके कागजात सही होते हैं। उन्हें प्रस्वीकृति का आदेश दिया जाता है। डीईओ की अध्यक्षता में समिति होती है। इसमें डीएम द्वारा अनुशंसित एक पदाधिकारी, डीपीओ सहित अन्य को शामिल किया जाता है। पहले से दी गई प्रस्वीकृति में कई स्कूल मापदंड को नहीं पूरा करने वाले शामिल

पहले से प्रस्वीकृति प्राप्त प्राइवेट स्कूल धरातल पर चल रहे हैं या कागजों में सिमट कर रह गए हैं। उनके द्वारा विभागीय मापदंड के अनुसार प्रस्तुत किए गए कागजात ठीक है या नहीं। स्कूल की आधारभूत संरचना, शिक्षक व छात्रों की संख्या, पठन-पाठन से संबंधित संसाधनों की क्या स्थिति है। इसकी जांच भी होगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रस्वीकृति प्राप्त स्कूलों में कई ऐसे स्कूल हैं जिनका अपना भवन नहीं है। न स्कूल परिसर में खेल मैदान है। न पक्का छत है। विभाग अगर सही तरीके से जांच कराए तो कई स्कूलों की प्रस्वीकृति रद करनी पड़ सकती है। वर्जन

बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत जिले के सभी निजी प्रारंभिक विद्यालयों को अनिवार्य रूप से प्रस्वीकृति प्राप्त करना है। प्रारंभिक निजी विद्यालयों की प्रस्वीकृति जिला स्तर पर गठित त्रिसदस्यीय समिति के द्वारा निर्धारित मापदंड के तहत दी जाती है। प्रस्वीकृति प्रदान करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक, पारदर्शी एवं सुगम बनाने के उद्देश्य से इस व्यवस्था को ऑनलाइन किए जाने के लिए पोर्टल विकसित किया गया है। 31 दिसंबर के बाद बिना प्रस्वीकृति के किसी भी विद्यालय का संचालन नहीं किया जा सकेगा।

शिवनाथ रजक

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, (समग्र शिक्षा अभियान)।

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