सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने किया कार्य बहिष्कार

भोजपुर में जिलाधिकारी के अंगरक्षक द्वारा डाक्टरों से दु‌र्व्यवहार एवं मारपीट किए जाने को लेकर बुधवार को सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 11:29 PM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 11:29 PM (IST)
सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने किया कार्य बहिष्कार
सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने किया कार्य बहिष्कार

समस्तीपुर । भोजपुर में जिलाधिकारी के अंगरक्षक द्वारा डाक्टरों से दु‌र्व्यवहार एवं मारपीट किए जाने को लेकर बुधवार को सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार कर दिया। साथ ही सभी चिकित्सक ओपीडी के मुख्य द्वार पर धरना पर बैठ गए। घटना को लेकर प्रशासन के विरोध में जमकर नारेबाजी की। ओपीडी में चिकित्सकों ने मरीजों का इलाज नहीं किया। इस वजह से करीब छह सौ से अधिक मरीजों को बिना इलाज कराए ही वापस लौटना पड़ा। जिसके चलते मरीजों एवं उनके परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। ज्ञात हो कि सदर अस्पताल की ओपीडी सेवा प्रतिदिन दो शिफ्ट में संचालित होती है। इस वजह से ओपीडी सेवा में इलाज कराने के लिए पहुंचे मरीजों का पंजीयन काउंटर पर पूर्जा भी नहीं काटा गया। मरीज मेडिसिन, सर्जरी, डेंटल, टीबी, ईएनटी, महिला विभाग एवं हड्डी विभाग के पास खड़े थे। डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से उन्हें बिना इलाज के वापस लौटना पड़ा। गंभीर मरीजों को प्राइवेट क्लीनिकों में जाकर शरण लेनी पड़ी। गरीब मरीज इधर-उधर भटकते नजर आए। मौके पर भाषा के जिला सचिव सह प्रसिद्ध सर्जन डॉ. अशोक वद्धन सहाय, अपर उपाधीक्षक सह सहायक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (संचारी रोग एवं यक्ष्मा नियंत्रण) डॉ. श्रीराम प्रसाद, नेत्र चिकित्सक डॉ. बीपी राय, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके शर्मा, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके चौधरी, डॉ. अनिल कुमार कंचन, दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. जवाहर लाल साहू, सर्जन डॉ. जयकांत, महिला चिकित्सक डॉ. पुष्पा रानी, सामान्य चिकित्सक डॉ. गिरिश कुमार आदि उपस्थित रहे।

सदर अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा कार्य बहिष्कार करने की वजह से सभी ओपीडी से अलग रहे। इस कारण सभी मरीज बिना इलाज कराए ही लौट गए। चिकित्सकों ने रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पूर्जा काटने से भी कर्मियों को मना कर दिया। सभी आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग रहे थे। भाषा के जिला सचिव डॉ. अशोक व‌र्द्धन सहाय ने कहा कि आरा में चिकित्सकों के साथ मारपीट की घटना काफी गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि आरा के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार एवं सचिव डॉ. नरेश प्रसाद, डॉ. टीएन अंसारी के साथ जिलाधिकारी के आवास पर गए थे। लेकिन, आवास के अंदर उनके साथ अपराधियों जैसा सिपाहियों ने व्यवहार किया। गाली देने का झूठा आरोप लगाकर उन्हें पीटा गया। पहले डॉ. अरुण कुमार के साथ मारपीट की गई। बाद में विरोध करने पर डॉ. नरेश एवं डॉ. टीएन अंसारी के साथ भी सिपाहियों ने मारपीट की। बाद में जिलाधिकारी आए तो उन्हें अंदर बुलाया गया। उनसे कागज पर लिखवाने की कोशिश की गई। लेकिन, वे कागजात पर लिखने से इंकार कर दिया। डॉ नरेश और अरुण ने जख्म भी दिखाया।

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