स्‍कूल के नाम जमा किए डेढ़ लाख, ब्याज के पैसे से देते मेधावी छात्रों को पुरस्कार

डॉक्‍टर बनकर शहरों में सेवा दी। लेकिन, मन गांव में लगा रहा। अब रिटायर्ड होने के बाद बिहार के इस डॉक्‍टर ने अपने बचपन के स्‍कूल में मेधावी छात्रों के लिए ये योजना शुरू की है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 08:03 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 11:49 PM (IST)
स्‍कूल के नाम जमा किए डेढ़ लाख, ब्याज के पैसे से देते मेधावी छात्रों को पुरस्कार
स्‍कूल के नाम जमा किए डेढ़ लाख, ब्याज के पैसे से देते मेधावी छात्रों को पुरस्कार

समस्तीपुर [विनोद कुमार गिरि]। यूं तो मेधा किसी परिचय को मोहताज नहीं। लेकिन, यदि मेधा को सम्मान मिले तो वह गगन छू लेती है। खासकर प्रतिभावान बच्चों की मेधा। यह सोच सेवानिवृत्त मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मदन प्रसाद की है। इसके लिये उन्होंने लाटबेसपुरा गांव के उस विद्यालय को चुना, जहां प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की थी। डॉ. मदन ने इसी साल पांच मार्च को अपना 75वां जन्मदिन इस स्कूल के बच्चों के साथ मनाया और मैट्रिक में अव्वल आने वाले तीन छात्रों को हर साल पुरस्कार देने का ऐलान किया। इसके लिये डाकघर में डेढ़ लाख रुपये जमा करा दिए। मैट्रिक रिजल्ट आने के बाद उन्होंने कई प्रतिभावान छात्रों को पुरस्कृत भी किया।

सरायरंजन प्रखंड के लाटबेसपुरा निवासी किसान के बेटे डॉ. मदन प्रसाद का बचपन गरीबी में बीता। गांव में रहकर पढ़ाई के दौरान संसाधनों का घोर अभाव देखा। उच्च शिक्षा के बाद नौकरी में आए तो गांव से नाता टूट गया, लेकिन मन यहीं लगा रहा।

सेवानिवृत्ति के बाद शहर छोड़ गांव आ गए। बीते पांच मार्च को अपना 75वां जन्मदिन उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय लाटबेसपुरा के छात्रों के साथ मनाया, जहां उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की थी। तब यह प्राथमिक विद्यालय था। इसी दौरान उन्होंने घोषणा की कि वे हर साल इस स्कूल से मैट्रिक में अव्वल तीन छात्रों को क्रमश: 3500, 2500 एवं 1500 रुपये पुरस्कार देंगे। प्रथम श्रेणी में पास होने वाले को भी पुरस्कृत करेंगे।

इसके लिये उन्होंने विद्यालय के प्रधानाध्यापक व अपने इकलौते बेटे होटल व्यवसायी शिवेश के नाम से प्रधान डाकघर में डेढ़ लाख रुपये जमा कर दिए। इससे हर साल 10 हजार रुपये ब्याज मिलेगा। इसी से पुरस्कार देंगे। कुछ रुपये कम होंगे तो उनका बेटा देगा।

बाद में हाईस्कूल का रिजल्ट आया तो उन्होंने इस विद्यालय के अव्वल तीन छात्रों आमोद कुमार, जूली कुमारी और जानकी कुमारी को पुरस्कृत किया। प्रथम श्रेणी में पास करने वाले 12 छात्रों को दीवार घड़ी दी। इस दौरान उन्होंने घोषणा की कि गांव के वैसे मेधावी छात्रों का आर्थिक सहयोग करेंगे जो पैसे के अभाव में पढ़ाई छोड़ देते हैं।

समाज के प्रति निभा रहे अपना फर्ज

डॉ. प्रसाद गांव में पत्नी के साथ रहते हैं। पुत्र शहर में रहकर व्यवसाय करता है। बेटी शिवानी ससुराल में शिक्षक हैं। वे गरीब बच्चियों की शादी में भी मदद करते हैं। उन्होंने मेघूराम की दो बेटियों की शादी का काफी खर्च उठाया। उनका कहना है कि हम जिस गांव-समाज से आते हैं, उसके लिए भी कुछ करना हमारा फर्ज है।

छात्रों में उत्साह, पढ़ाई में लगा रहे मन

प्रधानाध्यापक अनंत कुमार राय कहते हैं कि डॉक्टर साहब के इस कदम से छात्रों में उत्साह का संचार हुआ है। सभी चाहते हैं कि वे सर्वाधिक राशि वाला पुरस्कार जीतें। डीपीओ माध्यमिक अवधेश प्रसाद सिंह का कहना है कि यह सराहनीय कदम है। इससे समाज के अन्य समर्थ व्यक्तियों को प्रेरणा मिलेगी।

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