संक्रमित होने पर घबराएं नहीं, एहतियात बरतें और बनें कोरोना विजेता
कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक है। कोरोना के लक्षण दिखने पर घबराने की जरूरत नहीं है। किसी नजदीक के जांच केंद्र पर जाकर जांच कराएं। मास्क लगाकर जाएं। शारीरिक दूरी का पालन करें। डॉक्टर से सलाह लें। वे जो एहतियात और दवाएं बताएं उसका इस्तेमाल करें।
समस्तीपुर । कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक है। कोरोना के लक्षण दिखने पर घबराने की जरूरत नहीं है। किसी नजदीक के जांच केंद्र पर जाकर जांच कराएं। मास्क लगाकर जाएं। शारीरिक दूरी का पालन करें। डॉक्टर से सलाह लें। वे जो एहतियात और दवाएं बताएं, उसका इस्तेमाल करें। जांच रिपोर्ट आने पर एक बार फिर डॉक्टर से मिलें। उनकी सलाह के अनुसार काम करें।
डॉ. आरबी शर्मा ने बताया कि कोरोना के खिलाफ लोग अगर सावधानी बरत रहे हैं तो चिता की जरूरत नहीं। ज्यादा चिता सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है और इसका असर रोग प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ता है। व्यक्ति में अगर नाक बहना, सूखी खांसी, तेज बुखार जैसे लक्षण नजर आते हैं तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर टेस्ट जरूर करवा लें। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जगह-जगह टेस्ट करवाने की सुविधा दी जा रही है। एहतियात के तौर पर टेस्ट करवाएं, घबराएं नहीं। अगर लोग कोरोना से सतर्कता बरते हुए अपनी सेहत का ध्यान रखेंगे तो वे संक्रमण से खुद के साथ परिवार के सदस्यों व अपने संपर्क में आने वाले लोगों को भी बचा सकते हैं। खांसी-जुकाम के लक्षण नजर आने पर स्वयं को घर पर आइसोलेट कर लें और टेस्ट करवा लें। सार्वजनिक स्थानों पर आवाजाही करते समय मास्क और उचित शारीरिक दूरी के नियम का पालन करें। विटामिन सी युक्त फलों का सेवन जरूरी
कोरोना से लड़ने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए सीट्रस फल यानी विटामिन सी युक्त फलों का सेवन बहुत जरूरी है। नींबू पानी पीएं। संतुलित आहार लेना भी जरूरी है। जंक फूड से दूरी बनाएं। बासा भोजन न खाएं। सुबह सैर व एक्सरसाइज करने से शरीर स्वस्थ रहेगा और रोगों से लड़ने की शक्ति मिलेगी। सोने से पहले हल्दीयुक्त दूध पीएं। घर पर बुजुर्गों व बच्चों का विशेष ध्यान रखें क्योंकि इनकी इम्यूनिटी कम होने की वजह से संक्रमण का खतरा रहता है। होम आइसोलेशन में भी करें नियमों का पालन
स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार संक्रमित या उनके परिवार के लोगों के लिए होम आइसोलेशन के कुछ नियमों को जानना बहुत जरूरी हैं। होम आइसोलेशन का सबसे बड़ा कारण यह है कि संक्रमितों में से 20 प्रतिशत को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है। 80 फीसदी लोग घर पर सदस्यों से अलग रहकर और दिशा निर्देशों का पालन कर स्वस्थ हो सकते हैं। मरीज के घर पर बाकी सदस्यों से अलग रहकर इलाज होम आइसोलेशन कहलाता है। संक्रमित व्यक्ति के लिए हवादार कमरा और अलग शौचालय जरूरी बताया गया है। संक्रमितों के लिए अलग शौचालय बहुत जरूरी
होम आइसोलेशन के लिए कुछ बुनियादी एवं जरुरी सुविधाएं होना जरुरी बताया गया है। घर में कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति के लिए अलग हवादार कमरा और अलग शौचालय, घर में कोविड 19 संक्रमित व्यक्ति की 24 घंटे देखभाल करने के लिए व्यक्ति की उपलब्धता जरूरी है। कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति में कोई गंभीर लक्षण का न होना शामिल है। यदि मरीज होम आइसोलेशन के योग्य नहीं पाये जाते हैं तो अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जाती है।