सीएम पोर्टल पर लंबित आवेदनों को इस माह में निपटाएं

समाहरणालय सभागार में जिला समन्वय समिति की बैठक अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में की गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Nov 2019 11:48 PM (IST) Updated:Sat, 23 Nov 2019 06:10 AM (IST)
सीएम पोर्टल पर लंबित आवेदनों को इस माह में निपटाएं
सीएम पोर्टल पर लंबित आवेदनों को इस माह में निपटाएं

समस्तीपुर। समाहरणालय सभागार में जिला समन्वय समिति की बैठक अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में की गई। इसमें उपविकास आयुक्त, निदेशक, डीआरडीए, प्रभारी पदाधिकारी जिला सामान्य शाखा, अनुमंडल पदाधिकारी रोसड़ा व पटोरी, जिला पंचायतराज पदाधिकारी, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आइसीडीएस, सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा पदाधिकारी, समस्तीपुर, जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी व सभी अंचलाधिकारी उपस्थित थे। इसमें सर्वप्रथम सीएम पोर्टल पर लंबित आवेदनों की समीक्षा की गई। सामान्य शाखा के वरीय पदाधिकारी ने पोर्टल में लंबित आवेदन की जानकारी संबंधित कार्यालय को देते हुए एक सप्ताह के अंदर इनका अनुपालन कराने का निर्देश दिया। तत्पश्चात पीएम पोर्टल एवं लोक शिकायत निवारण में लंबित मामलों की समीक्षा की गई। सभी लंबित आवेदनों को नवम्बर के अंत निपटाने को निर्देश दिया गया। बैठक में नल-जल एवं गली-नाली योजना की प्रखंडवार समीक्षा की गई। उप विकास आयुक्त ने समस्तीपुर को एलवोबी के निष्पादन, प्रोत्साहन राशि भुगतान की कोटि में सराहनीय कार्य के लिए राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत की जाने की जानकारी दी। तत्पश्चात उप विकास आयुक्त, समस्तीपुर ने मुख्यमंत्री नल-जल योजना की समीक्षा की। उपविकास आयुक्त ने सभी संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी को पंचायत सचिव के साथ समन्वय स्थापित कर मिशन मोड में योजना को क्रियान्वित करने का निदेश दिया। उसके बाद उप विकास आयुक्त ने मुख्यमंत्री नल-जल योजना की समीक्षा की। उन्होंने सभी संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारियों को पंचायत सचिव के साथ समन्वय स्थापित कर मिशन मोड में योजना को क्रियान्वित करने का निदेश दिया। दिनांक 30 नवंबर, तक सभी वार्डों में योजना के कार्यों को प्रारंभ कराने का प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया। अपर समाहर्ता द्वारा जल-जीवन हरियाली अभियान अन्तर्गत जलाशयों के अतिक्रमण की समीक्षा की गई। उन्होंने अंचलवार अतिक्रमण की कार्रवाई की समीक्षा की। सभी अंचलाधिकारियों को अतिक्रमण-वाद चला कर संबंधित अतिक्रमण को मुक्त कराने का निर्देश दिया।

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