अपने घर का इकलौता चिराग था दिलीप

समस्तीपुर । लापता ई रिक्शा चालक दिलीप पासवान का शव मिलने के साथ ही पूरा घर पूरी तरह बिखर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 12:44 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 12:44 AM (IST)
अपने घर का इकलौता चिराग था दिलीप
अपने घर का इकलौता चिराग था दिलीप

समस्तीपुर । लापता ई रिक्शा चालक दिलीप पासवान का शव मिलने के साथ ही पूरा घर पूरी तरह बिखर गया। मृतक घर का इकलौता चिराग था। उसके उपर माता- पिता के साथ एक ढेड़ साल के पुत्र निराला और पत्नी जुली देवी का भरण-पोषण की जिम्मेदारी थी। दिलीप ई- रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरणपोषण करता था। शव मिलने की सूचना के बाद पत्नी का रो- रोकर बुरा हाल था। घटना के बाद गांव के लोग में भी आक्रोश फुट पड़ा। जिसके बाद सैकड़ो की संख्या में महिला और ग्रामीण घर से करीब चार किलो मीटर दूर एनएच- 28 के डैनी चौक पहुंचकर जाम कर दिया। मृतक का आरोपित में पूर्व में थी मित्रता, आखिर हत्या की क्या थी वजह :

सड़क जाम में शामिल कुछ ग्रामीणों का कहना था कि आरोपित चकनवादा निवासी सुनील सहनी गांव में मछली बेचने आया करता था। दिलीप और सुनील के बीच दोस्ती थी। दोनों अक्सर एक- दूसरे के साथ खाना-पीना करता था। 18 अप्रैल को भी सुनील अपने कुछ अन्य साथी के साथ दिलीप को ई रिक्शा के साथ बुलाकर ले गया था। परिजनों के अनुसार मछली लाने की बात कहकर सुनील दिलीप को बुलाकर घर से ले गया था। हालांकि ये दोस्ती कितनी पुरानी थी यह कोई नहीं बता रहा था। अगर दिलीप की हत्या हुई तो किस बजह से हुई । ये भी न तो परिजन बता रहे थे और न हीं ग्रामीण।

दस साल बाद फिर इतनी देर तक डैनी चौक को किया तहस- जाम

वर्ष 2011 के पंचायत चुनाव परिणाम में धांधली का आरोप लगाते हुए आक्रोशित लोगों और जन प्रतिनिधियों ने डैनी चौक एनएच 28 को जाम किया था। इस दौरान लोगों को समझाने और जाम समाप्त कराने आए डीएसपी सहित पुलिस बल पर लोगों ने हमला कर दिया था। जिसमें तत्कालीन डीएसपी रामसागर शर्मा सहित कई पुलिस पदाधिकारी गम्भीर रूप से घायल हुए थे। जिसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी कुंदन कुमार और एसपी ने जाम स्थल पर जाम कर रहे लोगों पर जमकर लाठी चार्ज किया था। बाद पुलिस के द्वारा दर्ज प्राथमिकी में दर्जनों लोगों की गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। स्थानीय दुकानदारों और लोगों में इतना खौफ था कि दो महीनों तक न तो दुकानें खुलती थी न ही डैनी चौक पर लोग नजर आते थे। उसके बाद चाहे सड़क दुर्घटना हो या अन्य कोई मामला डैनी चौक पर सड़क जाम नही होता थ। लेकिन 10 वर्ष बाद एकबार ़िफर डैनी चौक पर सड़क जाम हुआ जो करीब सात घंटे तक रहा। सड़क जाम से परेशान दिखे लोग, कोई माथे पर बैग तो कोई बच्चे को गोद मे लेकर जाने को हुए मजबूर

करीब 12 बजे डैनी चौक पर एनएच जाम होने के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया। एनएच पर ट्रकों के साथ बसों की लंबी लाइन दोनों ओर लग गई। इस दौरान सात घन्टे तक सड़क जाम के कारण सैकड़ों राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई एम्बुलेंस को भी रास्ता बदलना पड़ा। बहुत सारे यात्री बस से उतरकर बच्चों को गोद में लेकर तथा सर पर झोला लेकर अपने गंतव्य को जाने के लिए मजबूर हुए। अक्रोशित लोग इतना उग्र थे कि बाइक सवार यात्री को भी जाने नही दे रहे थे। बाइक सवार यात्री तो किसी तरह दूसरे रास्ते से अपने गंतव्य को चले गए।

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