जननायक के डाक टिकट को देश के सभी डाकघरों में उपलब्ध कराने की मांग
समस्तीपुर । बिहार के जननायक कर्पूरी ठाकुर की स्मृति में प्रकाशित डाक टिकट अब देश के किसी भी डाकघर मे
समस्तीपुर । बिहार के जननायक कर्पूरी ठाकुर की स्मृति में प्रकाशित डाक टिकट अब देश के किसी भी डाकघर में नहीं मिल रहा है। इसको लेकर पूर्व विधायक दुर्गा प्रसाद सिंह के आग्रह पर राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर से डाक विभाग से जननायक के चित्रयुक्त डाक टिकट को डाक काउंटर पर उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। इसमें बताया है कि प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ बिहार के मुख्यमंत्री, विरोधी दल के नेता और आजीवन विधानसभा के सदस्य रहे थे कर्पूरी ठाकुर। उनके सम्मान में डाक विभाग ने 26 दिसंबर 16 को केंद्र सरकार ने उनका फोटो युक्त 5 रुपये का डाक टिकट जारी किया था। वर्तमान में यह देश के किसी भी डाकघर में उपलब्ध नहीं है। श्री सिंह ने उनके फोटोयुक्त डाक टिकट को देश के सभी डाकघर में उपलब्ध कराने की मांग की। उनके इस आग्रह पर राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर ने केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखकर जननायक की स्मृति में प्रकाशित डाक टिकट को देश के सभी डाकघर में उपलब्ध कराए जाने का निर्देश देने की मांग की है। सेवानिवृत्ति पर डाकपाल को दी गई विदाई
दलसिंहसराय : मुख्य डाकघर में विदाई समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ के अध्यक्ष केदार चौधरी ने की। संचालन संघ के प्रमंडलीय सचिव इंद्रदेव राय ने किया। कार्यक्रम में बनघारा के शाखा डाकपाल अजीत कुमार साह के सेवानिवृत्त होने पर किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और दलसिंहसराय मुख्य डाकघर के उप डाकपाल सीपी कुंवर ने कहा कि सेवानिवृत्ति एक प्रक्रिया है, जिससे हरेक कर्मचारी और अधिकारियों को गुजरना पड़ता है। अजीत कुमार साह ने विभाग में 34 वर्षों तक सेवा की है, जो काबिले तारी़फ है। सभी कर्मचारियों को इनसे सीख लेनी चाहिए। उपस्थित सभी वक्ताओं ने साह के कार्यकाल की भूरी भूरी प्रशंसा की और सुखमय दीर्घायु जीवन की कामना की। इस मौके पर सी पी कुंवर, केदार चौधरी, इंद्रदेव राय, संजय सुमन, राजेश रमण, राम कुमार चौधरी, रविन्द्र प्रसाद साह, राजीव कुमार सिंह, राहुल कुमार, धर्मेंद्र कुमार, प्रमोद कुमार साह, मो रफी, अशोक मिश्रा सहित दर्जनों डाक कर्मी उपस्थित थे। वही दलसिंहसराय के डाक निरीक्षक वीर कुंवर सिंह के द्वारा सेवानिवृत्त डाकपाल को बुके और डायरी प्रदान किया गया।