जांच की जद में अभी और कई, शीघ्र आएंगे पकड़ में

समस्तीपुर। इनपर जिम्मेवारी थी विभिन्न बैंकों से मिले रुपयों को एटीएम में डालने की। पर जरूरत से

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 11:26 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 11:26 PM (IST)
जांच की जद में अभी और कई, शीघ्र आएंगे पकड़ में
जांच की जद में अभी और कई, शीघ्र आएंगे पकड़ में

समस्तीपुर। इनपर जिम्मेवारी थी विभिन्न बैंकों से मिले रुपयों को एटीएम में डालने की। पर जरूरत से ज्यादा पाने की लालच ने इन्हें लगातार पैसे की हेरोफेरी करने पर मजबूर कर दिया। पैसा एटीएम में डालने की बजाय ब्याज पर लगाने, कुछ अपने शौक, मौज पर खर्च करने और जमीन के कारोबार में लगाने की लत ने इन्हें आज जेल की सींखचों में डाल दिया। हालांकि अभी इस कारोबार से जुड़े लोगों की जांच चल रही है। वे भी शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।

उजियारपुर थाना के अंडाहा गांव निवासी इस्लाम ने पांच साल पूर्व सीएमएस कंपनी में बतौर कस्टोडियन योगदान किया था। वहां उसकी भेंट मुख्य कस्टोडियन दिवाकर से हुई । दिवाकर पहले से ही इस हेराफेरी के धंधे में लिप्त था। उसने ही इस हेराफेरी का गुर इस्लाम को बताया। तो इस्लाम ने भी जल्दी से करोड़पति बनने की चाहत में इसे अपना लिया। इस दौरान इस्लाम ने दो करोड़ 70 लाख हजार का गबन किया। इसमें से 70 लाख की जमीन पत्नी के नाम से खरीदी, वहीं कैंसर पिता के नाम पर 30 लाख रुपये खर्च कर डाले। इसके अलावा 47 लाख रुपये उसने अपने बॉस दिवाकर को दिए थे। 22 लाख रुपये ऐश मौज पर खर्च किया। साथ ही हैदराबाद में रहने वाले एक दोस्त को दिया। इसके अलावा 93-94 लाख रुपया एक करोड़ की रकम ब्याज पर दे रखी थी। जो वह चार प्रतिशत मासिक पर ब्याज लगाता था। उससे भी चार से पांच लाख रुपया मासिक वह कमाता था। एटीएम की बजाय कागज में डाल दी जाति थी राशि

कंपनी की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार 90 लाख 78 हजार रुपये कस्टोडियन इस्लाम ने विभिन्न बैंकों के एटीएम में केवल कागज पर ही डाले। ये रकम एटीएम में नहीं गए। वहीं दूसरी आडिट में कंपनी को पता चला कि एक करोड़ 79 लाख पचास हजार रुपये बगैर एटीएम में डाले बिना ही गबन कर लिया। वैसे इस्लाम कंपनी में पांच वर्षों से काम कर रहा था लेकिन इधर बैंक और कंपनी के बीच हुए लोड वेरिफेकेशन में मामले का खुलासा हुआ। जांच अधिकारी बताते हैं कि इस फरेब का धंधा जनवरी 21 से ही जारी था। अकूत संपत्ति का मालिक दिवाकर अपनी कंपनी भी चलाता है

आउटसोर्सिंग कंपनी सीएमएस का कस्टोडियन मैनेजर कहने को तो इस कंपनी में काम करता है लेकिन उसकी एक और भी कंपनी है। वह भी एटीएम में पैसा जमा करने वाली कंपनी। उसका नाम एमएस ट्रेडर्स के नाम से। इसके अलावा वह पचास छोटी-बड़ी गाड़ियों का मालिक भी है।

छह माह की आडिट रिपोर्ट से खुलासे के बाद हुई कार्रवाई

आउटसोर्सिंग कंपनी की छह महीने की इंटरनल ऑडिट में मामला उजागर होने के बाद शाखा प्रबंधक राजेश कुमार ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज

कराई थी। इसमें कंपनी ने तीन कर्मियों उजियारपुर थाना के अंडाहा निवासी मो. इस्लाम, उजियारपुर थाना क्षेत्र के ही चांदचौर निवासी अनिल कुमार गुप्ता के पुत्र आशीष कुमार अनुराग एवं लोकेशन इंचार्ज नगर थाना के डीआरएम काली मंदिर के निकट के निवासी अशोक कुमार सिंह के पुत्र दिवाकर कुमार सिंह को आरोपित किया था। जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

खुलासे के बाद ही फरार हो गया था मुख्य आरोपी

डीएसपी ने बताया कि अबतक की जांच में यह बात सामने आई है कि आउटसोर्सिंग के कर्मी को अगर बैंक से एटीएम में जमा करने के लिए 15 लाख रुपए मिलते थे तो कर्मी मात्र 5 लाख रुपए एटीएम में डालते थे जबकि शेष 10 लाख रुपए अपने पास रख लेते थे। उक्त राशि को कर्मी सूद पर लगाते थे। कर्मियों द्वारा यह गोरखधंधा तकरीबन छह माह से किया जा रहा था। मामला उजागर होने के बाद मुख्य आरोपी इस्लाम घर से फरार हो गया था। उसके हैदराबाद हवाई अड्डा पर होने की सूचना मिली थी। इसके बाद जिला से दो सदस्यीय टीम को भेजकर उसे गिरफ्तार किया गया।

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