सीएस ने की टीका एक्सप्रेस मामले की जांच, हड़कंप

विभूतिपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी धीरज कुमार द्वारा गुरुवार को कार्यालय से पत्र निर्गत किए जाने के बाद सिविल सर्जन शुक्रवार को स्थानीय सीएचसी पहुंचे। टीका एक्सप्रेस मामले की जांच को लेकर इनके आगमन मात्र से सीएचसी कर्मियों में हड़कंप मच गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Jun 2021 12:15 AM (IST) Updated:Sat, 05 Jun 2021 12:15 AM (IST)
सीएस ने की टीका एक्सप्रेस मामले की जांच, हड़कंप
सीएस ने की टीका एक्सप्रेस मामले की जांच, हड़कंप

समस्तीपुर । विभूतिपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी धीरज कुमार द्वारा गुरुवार को कार्यालय से पत्र निर्गत किए जाने के बाद सिविल सर्जन शुक्रवार को स्थानीय सीएचसी पहुंचे। टीका एक्सप्रेस मामले की जांच को लेकर इनके आगमन मात्र से सीएचसी कर्मियों में हड़कंप मच गया। सिविल सर्जन ने सर्वप्रथम प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. फुलेश्वर प्रसाद सिंह और लिपिक मृत्युंजय झा की खोजबीन की। यहां दोनों अनुपस्थित पाए गए। इसके बाद उन्होंने अन्य चिकित्सकों व कर्मियों की उपस्थिति पंजी की जांच कर उनके बारे में जानकारी ली। सिविल सर्जन ने परिसर में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों से बेलसंडीतारा के चिन्हित स्थल पर गुरुवार को हुई वैक्सीनेशन और टीका एक्सप्रेस संबंधित पूछताछ की। मैनेजर सह फार्मासिस्ट चंद्रशेखर सिंह समेत अन्य कर्मियों को सीएचसी की व्यवस्था पर जमकर फटकार लगाई। इसकी पुष्टि करते हुए सिविल सर्जन ने बताया कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और लिपिक दोनों अनुपस्थित पाए गए हैं। दोनों से स्पष्टीकरण की मांग की जा रही है। इनका वेतन बंद करने के उपरांत अग्रेतर करवाई की जाएगी। यह बता दें कि प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कार्यालय से पत्र जारी कर टीकाकरण स्थल पर टीका एक्सप्रेस विलंब से पहुंचने समेत अन्य चीजों को लेकर डॉ. आबुतुराब आलम, डॉ. सुखराज और फार्मासिस्ट दिनेश कुमार से स्पष्टीकरण की मांग की थी। साथ हीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से कहा था कि टीका एक्सप्रेस सीएचसी के लिपिक मृत्युंजय झा के साथ दरभंगा गई हुई थी। इसलिए अपने स्तर से जांच कर कार्रवाई करेंगे। बीडीओ ने टीकाकरण स्थल पर मौजूद लोगों को असुविधा होने की बातें कही थी। साथ हीं कहा था कि इन लोगों के द्वारा एपिडेमिक एक्ट 1897 एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 का उल्लंघन और वरीय पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना किया जा रहा है, जो एक सरकारी सेवक के कर्तव्य के विरुद्ध है। पत्र की प्रतिलिपि सीएचसी स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, निदेशक जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, असैनिक शल्य चिकित्सा, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी और जिलाधिकारी को सूचनार्थ भेजी गई थी। इधर, सिविल सर्जन द्वारा इस जांच के बाद लोगों में यह कयास लगाया जा रहा है कि स्थानीय सीएससी की व्यवस्था में सुधार आएगी।

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