सब्जी का नहीं मिल रहा भाव, किसानों की बढ़ी चिता

समस्तीपुर। कोरोना का दुष्प्रभाव हर आम व खास पर पड़ा है। लोग इससे उबरने की कोशिश भी कर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 11:39 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 11:39 PM (IST)
सब्जी का नहीं मिल रहा भाव, किसानों की बढ़ी चिता
सब्जी का नहीं मिल रहा भाव, किसानों की बढ़ी चिता

समस्तीपुर। कोरोना का दुष्प्रभाव हर आम व खास पर पड़ा है। लोग इससे उबरने की कोशिश भी कर रहे हैं, लेकिन किसानों की समस्या का अंत नहीं है। खासकर वैसे किसान जो मौसमी सब्जी की खेती करते हैं। इनके साथ समस्या है कि ये कच्चे उत्पाद अगर समय पर नहीं बिके तो शत प्रतिशत घाटे का सौदा है। लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बीच सब्जी उत्पादक किसानों की चिता बढ़ गई है। उन्हें सब्जी का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। बाहर की आपूर्ति भी नहीं हो रही है। शादी-ब्याह में लोगों की सीमित संख्या होने के कारण मांग कम हो गई है। ऐसे में उनकी लागत की मुश्किल से भरपाई हो पा रही है।

समस्तीपुर से सब्जी का बाहर जाना बंद हो गया है। पूर्व में यहां की सब्जी रक्सौल व कोलकाता तक जाती थी। जगह-जगह मंडी खुलने व बाहरी ़खरीदारों के नही आने से इस व्यवस्था ने दम तोड़ दिया। किसान नेता ब्रह्मदेव सिंह बताते हैं कि अब तो पटना के भी खरीदार नही आते हैं। आज पूसा, ताजपुर, दलसिंहसराय, वारिसनगर के 5 हजार किसान आर्थिक संकट झेल रहे हैं।

कल्याणपुर, संस के अनुसार, स्थानीय किसान भोला महतो का कहना है कि थोक मंडी में कोई भी सब्जी 20 रुपये से ऊपर नहीं है। टमाटर, भिडी और खीरा तो 10 रुपये प्रति किलो हैं। हरी सब्जी तोड़ने के बाद उसी दिन न बिकें तो इनका बाजार वैसे ही चौपट हो जाता है। इधर खुदरा बाजार में व्यवसायी मुनाफा कमा रहे हैं, वहां का भाव मंडियों से ज्यादा है। किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। सब्जी उत्पादक पंकज साह कहा कहना है कोरोना काल में उत्पादित सब्जियों का उचित मूल्य प्राप्त नहीं हो रहा है। किसानों से मिल रहा कम मुनाफा

हाट बाजार में सब्जी की बिक्री मंडी से दोगुने कीमत पर हो रही है। इसमें कद्दू आठ रुपये प्रति पीस, परवल 10 रुपये प्रति किलो, टमाटर 10 रुपये, प्याज 20 रुपये, आलू 12 से 18 रुपये, करेला 15 रुपये, खीरा 10 रुपये, भिडी 10 रुपये प्रति किलो बिक रही है। वहीं नींबू 16 रुपये जोड़ा बिक रहा है। जबकि, किसानों से मंडी ने आधी से भी कम कीमत पर खरीदारी की जा रही है। मंडी में किसान से कम कीमत में सब्जी लेते व्यापारी

कोरोना महामारी की वजह से जारी लॉकडाउन के कारण सब्जी कारोबारियों की किस्मत के ताले भी लॉक हो गए हैं। वाहनों की आवाजाही प्रभावित होने वहीं मौसम में व्यापक बदलाव भी एक कारण रहा। इसके साथ ही शादी ब्याह जैसे आयोजन में थोक भाव में सब्जियों की बिक्री होती थी। लेकिन इस बार इस पर भी कोरोना ने ग्रहण लगा दिया। किसान शंकर महतो मजबूरन किसी तरह औने-पौने भाव सब्जियां बेच किसान लागत राशि निकालने की जद्दोजहद कर रहे हैं। उन्हें चिता सता रही है कि इस घाटे के सौदे के बीच मुनाफा की बात ही छोड़ दें। कोरोना महामारी में सब्जी विक्रेता हरी सब्जियों को कौड़ी के दाम में बेचने के लिए विवश हैं। किसान दुख्खन महतो ने कहा कि लॉकडाउन में प्रशासन ने आवश्यक दुकानों को खोलने के लिए समय निर्धारित किया है तथा निर्धारित समय के बाद पुलिस का डंडा चलना शुरू हो जाता है। समय को ध्यान में रखते हुए अपनी सब्जी को बेच रहे है।

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