बदलते मौसम में कृषि को लाभकारी बनाना बड़ी चुनौती

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के विद्यापति सभागार में क्लाइमेट स्मार्ट कृषि पर दो दिवसीय जन जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुलपति डॉ. आरसी श्रीवास्तव ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि बदलते मौसम में कृषि को लाभकारी बनाना बड़ी चुनौती है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Nov 2019 12:18 AM (IST) Updated:Thu, 28 Nov 2019 12:18 AM (IST)
बदलते मौसम में कृषि को लाभकारी बनाना बड़ी चुनौती
बदलते मौसम में कृषि को लाभकारी बनाना बड़ी चुनौती

समस्तीपुर । डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के विद्यापति सभागार में क्लाइमेट स्मार्ट कृषि पर दो दिवसीय जन जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुलपति डॉ. आरसी श्रीवास्तव ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि बदलते मौसम में कृषि को लाभकारी बनाना बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को किसान कृषि कार्य में लागत को कम कर एवं विश्वविद्यालय के द्वारा विकसित नई तकनीक का उपयोग कर प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि समेकित कृषि प्रणाली अपनाने की जरूरत है। कृषि अधिष्ठाता डॉ. केएम सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ टुकड़े में बंटे खेत किसानों की बड़ी समस्या है। इसके लिए कृषि प्रणाली को दुरुस्त करने, भूमि और जल संरक्षण पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। किसानों के जोखिम को कम करने पर भी बल देते हुए नवीनतम तकनीकों को गांव तक पहुंचाने की जरूरत बताई। मौके पर कृषि अभियंत्रण अधिष्ठाता डॉ. अमरीश कुमार ने कहा कि विश्व में भारत सबसे सिचित देश हैं। लेकिन सिचित क्षेत्रों तक समय पर पानी नहीं पहुंचने या अधिक पहुंचने से किसानों की समस्या काफी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि वर्षा में कमी नहीं आई है लेकिन वर्ष में वर्षा के दिन घट रहे हैं। पूर्व में एक सौ से 112 दिन तक औसत वर्षा होती थी। लेकिन अब यह 60 से 70 दिन हो गया है। मौके पर विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान डॉ. मिथिलेश कुमार ने भी मौसम के बदलते परिवेश पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। कार्यक्रम में डॉ. मृत्युंजय कुमार, डॉ. एमएस कुंडू, डॉ. दयाराम, डॉ. आरके तिवारी सहित दर्जनों वैज्ञानिक मौजूद थे।

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