भागवत कथा सर्वदा श्रवण करने योग्य : पंडित पूजा द्विवेदी

श्रीमद्भागवत कथा सदा सर्वत्र और सर्वदा सुनने योग्य है। परिस्थिति चाहे जो भी हो। भागवत कथा के ध्यानपूर्वक श्रवण मात्र से भगवान भक्तों के वश में हो जाते हैं। ऐसे भक्त काम क्रोध लोभ मोह छल और कपट से दूर हो जाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 12:05 AM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 12:05 AM (IST)
भागवत कथा सर्वदा श्रवण करने योग्य : पंडित पूजा द्विवेदी
भागवत कथा सर्वदा श्रवण करने योग्य : पंडित पूजा द्विवेदी

समस्तीपुर । श्रीमद्भागवत कथा सदा, सर्वत्र और सर्वदा सुनने योग्य है। परिस्थिति चाहे जो भी हो। भागवत कथा के ध्यानपूर्वक श्रवण मात्र से भगवान भक्तों के वश में हो जाते हैं। ऐसे भक्त काम, क्रोध, लोभ, मोह, छल और कपट से दूर हो जाते हैं। उक्त बातें विभूतिपुर प्रखंड के कल्याणपुर उत्तर महावीर मंदिर के समीप प्रवचन के दौरान कथा वाचिका पंडित पूजा द्विवेदी ने कही। उन्होंने कहा कि मानव जीवन प्राप्त करने के उपरांत भी जो भागवत कथा का सुन और समझ नहीं कर सका, उसका जीवन बेकार है। कथा सुनना मानव जीवन के परम हित में है। कथा वाचिका ने दक्ष प्रजापति और माता सती की कथा से लेकर शिव पार्वती विवाह तक की कथा विस्तार पूर्वक कही। इस दौरान भक्तजन तालियां बजा-बजा कर भक्ति रस में गोते लगाते रहे। कथा मंच पर शिव-पार्वती विवाह की मनमोहक दिव्य झांकी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया। इन कलाकारों ने शिव तांडव नृत्य कर भक्तजनों को भक्तिमय वातावरण में झूमने को विवश किया। मौके पर संघमित्रा द्विवेदी, दीपिका पांडेय, आस्था शुक्ला, प्रदीप कुमार, पप्पू कुमार, मंगल पांडेय, सोनू कुमार, पंडित ललन कुमार द्विवेदी आदि ने अपने कथा और भजन से यज्ञ स्थल समेत आसपास के इलाके को भक्तिमय कर दिया। आयोजन समिति से प्राप्त जानकारी के अनुसार आगामी 3 दिसंबर तक प्रतिदिन संध्याकाल में भागवत कथा जारी रहेगी। पतिव्रता नारी ही कर सकती भवसागर पार

शिवाजीनगर : आज की नारियां पश्चिमी सभ्यता का अनुकरण कर रही है। यह उचित नही है। नारी को पतिव्रता होनी चाहिए। तभी वह भवसागर से पार उतर सकती है। प्रखंड के चितौड़ा गांव के महावीर स्थान में श्रीमद्भागवत महापुराण के छठे दिन कथा कथावाचक आचार्य वेदव्यास जी महाराज ने उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि ब्रज की गोपियां भगवान श्रीकृष्ण से अगाध प्रेम करती थी। भगवान श्री कृष्ण ने 16 हजार गोपियों के साथ महारास रचाया था। जिस महारास को देखने के लिए भगवान शंकर एवं माता पार्वती भी वृंदावन पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने बाल्यावस्था में ही गोवर्धन पर्वत को उठाकर वृंदावन वासियों को इंद्र के कोप से बचाया। साथ ही इंद्र के अहंकार को चकनाचूर कर दिया। मौके पर छोटे ठाकुर जी महाराज, गायक व्यास लेखराज जी, वादक सुनील तिवारी, आयोजक वरुण कुमार मंडल, गंगाराम मंडल, राम कुमार मंडल, अखिलेश कुमार, विवेक कुमार, अनीता देवी, भोला साह,राम करण मंडल,शंकर कुमार शिक्षक सहित अन्य मौजूद थे।

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