बैंक में घुसते ही बदमाशों ने तान दी पिस्टल

जिले में वित्तीय संस्थान व सीएसपी केंद्र बदमाशों के सॉफ्ट टार्गेट पर हैं। यही कारण है कि आए दिन कैश लूट की घटनाएं सामने आ रही हैं। बेखौफ अपराधी दिन दहाड़े सरेआम घटना को अंजाम देकर निकल जा रहे हैं। पुलिस जब तक एक मामले का पर्दाफाश भी नहीं कर पाती है तब तक दूसरी तरफ अपराधी भी दूसरी वारदात को अंजाम देकर चुनौती देते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Apr 2021 11:41 PM (IST) Updated:Thu, 29 Apr 2021 11:41 PM (IST)
बैंक में घुसते ही बदमाशों ने तान दी पिस्टल
बैंक में घुसते ही बदमाशों ने तान दी पिस्टल

समस्तीपुर । जिले में वित्तीय संस्थान व सीएसपी केंद्र बदमाशों के सॉफ्ट टार्गेट पर हैं। यही कारण है कि आए दिन कैश लूट की घटनाएं सामने आ रही हैं। बेखौफ अपराधी दिन दहाड़े सरेआम घटना को अंजाम देकर निकल जा रहे हैं। पुलिस जब तक एक मामले का पर्दाफाश भी नहीं कर पाती है, तब तक दूसरी तरफ अपराधी भी दूसरी वारदात को अंजाम देकर चुनौती देते हैं। पुलिसिया इकबाल को चुनौती देने का अपराधियों ने एक ट्रेंड बना लिया है। आपराधिक घटनाओं में वृद्धि से पुलिस की परेशानी बढ़ गई है। अपराधी इतने बेखौफ हैं कि भीड़ भरे इलाके में भी इत्मीनान से घटना को अंजाम दे डालते हैं।

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छह माह के अंतराल में बैंक लूट की तीसरी घटना

मुफस्सिल थाना क्षेत्र में पिछले छह माह के अंतराल में बैंक लूट की यह तीसरी घटना सामने आई है। पिछले वर्ष 17 नवंबर को विशनपुर स्थित ग्रामीण बैंक की शाखा में दिनदहाड़े हुई 1 लाख 92 हजार 608 रुपये लूट मामले में पुलिस के हाथ अबतक खाली हैं। अपराधियों का अबतक कोई सुराग नहीं मिला है। घटना के चार माह बाद ही 4 मार्च को अपराधियों ने फिर उसी इलाके में जितवारपुर चांदनी चौक के निकट स्टेट बैंक की शाखा में घुसकर 5 लाख 29 हजार रुपये लूट लिए। हालांकि इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया। लेकिन लूट की रकम बरामद नहीं हुई। अब तीसरी बार अपराधियों ने केनरा बैंक के विक्रमपुर शाखा को निशाना बनाया है। दिन दहाड़े हो रही लूट की घटनाओं से साफ है कि पुलिस का इकबाल खत्म होता जा रहा है। पुलिस की सारी व्यवस्था इन शातिर के सामने बौनी साबित हो रही है।

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साहस दिखाते तो पकड़े जाते बदमाश

घटनास्थल काफी भीड़ वाला इलाका है। जिस वक्त यह घटना हुई, आसपास काफी संख्या में लोग मौजूद थे। अगर घटना के वक्त के बैंक कर्मियों ने साहस दिखाकर अलार्म की घंटी या नीचे खड़े लोगों को आवाज लगाई होती, तो निश्चित भागने से पहले बदमाश पकड़े जाते। हथियार के आगे बैंक कर्मियों का साहस न हुआ कि अलार्म की घंटी या शोर मचा पाते। बदमाशों के जाने के बाद बैंक कर्मियों ने आसपास खड़े लोग व स्थानीय पुलिस को सूचना दी। तबतक बदमाश बाइक से दूसरी ओर भाग निकले थे।

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सुरक्षा व्यवस्था नदारत, बैंक कर्मियों में दहशत

गुरुवार को जिस वक्त यह घटना हुई, बैंक शाखा में मात्र चार कर्मी और दर्जन भर उपभोक्ता मौजूद थे। बैंक शाखा में घुसते ही अपराधियों ने बैंक अधिकारी सतीश कुमार चौधरी, शाखा प्रबंधक रवींद्र कुमार, कैशियर रुपेश प्रसाद और चपरासी हसन इकबाल को पिस्टल की नोंक पर कब्जे में ले लिया। उपभोक्ता दहशत में थे। घटना के वक्त सुरक्षा कर्मी चौकीदार निर्मल राय किसी विभागीय कार्य से मुख्यालय में थे। वैसे तो प्रत्येक दिन पुलिस कर्मियों के द्वारा बैंक शाखाओं का निरीक्षण किया जाता है। लेकिन गुरुवार को घटना के दिन गश्ती दल विलंब से पहुंची। तबतक अपराधी घटनास्थल से काफी दूर निकल भागे। ग्रामीणों इलाकों में बैंक शाखाओं में हो रही लूटपाट की घटनाओं से सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लग रहा है।

---------------------------------------------------------ग्रामीण इलाकों में बैंक शाखाओं को बनाया जा रहा निशाना

पिछले छह माह में जो भी बैंक लूट की घटनाएं सामने आई हैं, इसमें बदमाशों ने ग्रामीण इलाके के वन मैन ब्रांच को निशाना बनाया है। पहले विशनपुर के ग्रामीण बैंक, फिर जितवारपुर चांदनी चौक स्थित स्टेट बैंक और अब विक्रमपुर बांदे स्थित केनरा बैंक की शाखा को टार्गेट किया है। इससे स्पष्ट है कि ग्रामीण इलाके बैंक अपराधियों के साफ्ट टार्गेट पर हैं। ग्रामीण इलाकों के वन मैन ब्रांच में एक शाखा प्रबंधक और दो तीन कर्मी होते हैं। चौकीदार या होमगार्ड जवानों को सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी दी जाती है। इसके कारण बदमाश आसानी से सुरक्षा व्यवस्था के बीच सेंध लगा देते हैं।

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पुलिस मामले की छानबीन में जुटी

अपराधी वित्तीय संस्थान व कर्मचारी की रेकी करते हैं और जैसे ही मौका मिलता है, उसके साथ लूटपाट की घटना को अंजाम देते हैं। इन कर्मियों के साथ लूटपाट की घटनाएं भी अपराधियों के लिए आसान होती है। अक्सर घुड़की पर ही रुपये से भरा बैग मिल जाता है और शायद ही कभी कभी अपराधियों के सख्ती बरतनी पड़ती है। हर बार लूट का तरीका एक जैसा ही होता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सभी बैंक लूट की घटनाओं को अंजाम देने वालों की बदमाशों की उम्र 20 से 25 वर्ष रही होगी। घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे को खंगालना शुरु कर दिया है। डीएसपी ने बताया कि जल्द ही अपराधियों की पहचान कर ली जाएगी। -------------------------------------------------

जिले में बैंक शाखा और वित्तीय संस्थानों में हुई लूट की प्रमुख घटनाएं

- वर्ष 2021 : 4 मार्च को भारतीय स्टेट बैंक की जितवारपुर शाखा में दिनदहाड़े बदमाशों ने हथियार के बल पर कर्मियों को बंधकर बनाकर 5 लाख 29 हजार की लूट।

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- वर्ष 2020 : 30 दिसंबर : सरायरंजन स्थित बंधन बैंक की शाखा में हथियार के बल पर कर्मियों को बंधक बनाकर 34 हजार रुपये की लूट।

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- वर्ष 2020 : 17 नवम्बर : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के विशनपुर चौक स्थित दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की शाखा में 1 लाख 92 हजार 608 रुपये की लूट।

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- वर्ष 2020 : 17 जनवरी : चकमेहसी थाना क्षेत्र के सैदपुर स्थित भारत फाइनेंस इंक्लूजन सर्विसेज लिमिटेड कार्यालय में दिनदहाड़े हथियार के बल पर 17 लाख 35 हजार 506 रुपये की लूट।

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- वर्ष 2020 : 20 जनवरी को शाहपुर पटोरी थाना क्षेत्र के पटोरी बाजार स्थित सिनेमा चौक के निकट भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) के सेटेलाइट आफिस में दिनदहाड़े कर्मियों को बंधक बनाकर 13 लाख रुपये की लूट। इस दौरान विरोध करने पर बदमाशों ने एक होमगार्ड जवान की रायफल भी लूट लिया।

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- वर्ष 2018 : 4 जनवरी को शहर के गोला रोड स्थित यूको बैंक की शाखा से 48 लाख 94 हजार 325 रुपये की लूट।

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- वर्ष 2018 : 20 अगस्त को नगर थाना क्षेत्र के आजाद चौक स्थित एलआइसी कार्यालय के निकट कैश वैन से 52 लाख 74 हजार रुपये की लूट। इस दौरान बदमाशों ने एक गार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी।

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वर्ष 2018 : 19 दिसंबर को रोसड़ा के एलएनटी फाइनेंस कंपनी के कार्यालय मे कर्मियों को बंधक बनाकर 43 लाख 27 हजार रुपये की लूट।

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