सजने-संवरने के शौक से अब महिलाओं को मिल रहा रोजगार

सहरसा। महिलाओं में स्वरोजगार के प्रति लगातार झुकाव बढ़ रहा है। पहले महिलाएं मुख्य रूप से

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 06:30 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 06:30 PM (IST)
सजने-संवरने के शौक से अब  
महिलाओं को मिल रहा रोजगार
सजने-संवरने के शौक से अब महिलाओं को मिल रहा रोजगार

सहरसा। महिलाओं में स्वरोजगार के प्रति लगातार झुकाव बढ़ रहा है। पहले महिलाएं मुख्य रूप से सिलाई-कटाई के कार्य को अपनाने में अपनी रूचि दिखाती थी, परंतु अब लोगों की जरूरतों के हिसाब से महिलाओं के कामकाज का भी तरीका बदलने लगा है। जैसे- जैसे महिलाओं व युवतियों में सजने संवरने की प्रवृति बढ़ती जा रही है। उस हिसाब से रोजी की खोज करनेवाली महिलाओं को झुकाव ब्यूटी पार्लर, बैंक मित्र बनने आदि की तरफ होता दिखाई दे रहा है। एक समय था जब सहरसा जैसे छोटे इलाके में इक्का- दुक्का ब्यूटी पार्लर हुआ करता था, परंतु आज जिला मुख्यालय से लेकर जिले के छोटे- छोटे बाजार में भी पार्लर खुलने लगा है। भारतीय स्टेट बैंक के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से मिली जानकारीनुसार अब ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण के लिए भी महिलाओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी भाग ले रही है।

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गांवों के सर्वे में भी इस ओर देखी जा रही है महिलाओं की रूचि

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महिलाओं में कौशल विकास के लिए भारतीय स्टेट बैंक के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा मुफ्त् प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सरकार के निश्चय टू के अंतर्गत महिलाओं को कौशल के आधार पर रोजगार के लिए ब्याजमुक्त ऋण दिए जाने के निर्णय के बाद महिलाएं इस दिशा में आगे बढ़ने लगी है। प्रशिक्षण संस्थान द्वारा कम- से- कम आठवीं पास अथवा हिदी का ज्ञान रखनेवाली महिलाओं को अलग- अलग विधा का प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था है। इस प्रशिक्षण केंद्र में जीविका के जुड़ी महिलाओं को डेयरी पालन, सब्जी की खेती, बैंक मित्र आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है, वहीं जीविका समेत अन्य महिलाओं को सिलाई- कटाई का मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके लिए समय- समय पर ग्रामीण स्तर पर महिलाओं की खोज होती है, जिसमें अब ब्यूटी पार्लर व्यवसाय की रूचि रखनेवाली महिलाओं की संख्या बढ़ रही है।

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प्रमाणपत्रों के आधार पर ऋण के लिए आवेदन कर रही है महिलाएं

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प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षित किए जाने के बाद लिखित और व्यवहारिक परीक्षा के आधार पर महिलाओं को ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रमाणपत्र दिया जाता है, और प्रमाणपत्र के आधार पर ऋण की इच्छा रखनेवाली महिलाओं के आवेदन को यहां से अनुशंसा भी की जाती है। इस क्रम में भी यह बात सामने आ रही है कि अन्य रोजगार की अपेक्षा ब्यूटीशियन प्रशिक्षण के प्रति महिलाओं की रूचि बढ़ रही है।

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ब्यूटी पार्लर का प्रबंधन सीखने वाली महिलाओं की संख्या अब बढ़ रही है। हाल में भी 35 महिलाओं को 30 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है। इनलोगों को प्रशिक्षण के साथ बैंक से सहयोग दिलाने के लिए संस्थान से अनुशंसा की जाती है।

विनोद कुमार

निदेशक, आरसेटी, सहरसा।

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