हल्की बारिश में ही पानी-पानी हुआ शहर
सहरसा। हल्की बारिश में ही प्रमंडलीय मुख्यालय जलमग्न हो गया। सहरसा का हर वार्ड और मोहल्ला में पानी जमा होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। गली-मोहल्ले में लोगों को आवागमन में बेहद ही कठिनाई हो रही है। सहरसा नगर के वुडको का नाला बन जाने के बाद भी अधिकांश हिस्सा जलनिकासी की समस्या से जूझ रहा है।
सहरसा। हल्की बारिश में ही प्रमंडलीय मुख्यालय जलमग्न हो गया। सहरसा का हर वार्ड और मोहल्ला में पानी जमा होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। गली-मोहल्ले में लोगों को आवागमन में बेहद ही कठिनाई हो रही है। सहरसा नगर के वुडको का नाला बन जाने के बाद भी अधिकांश हिस्सा जलनिकासी की समस्या से जूझ रहा है। नालियों की मुकम्मल सफाई नहीं हो पाने के कारण मुख्य बाजार में भी सड़कों पर पानी लगा हुआ है।
डीबीरोड, शंकर चौक, गंगजला, चांदनी चौक के अलावा मारूफगंज से बटराहा की ओर जानेवाली सड़क, गांधी पथ, हटिया गाछी, सहरसा बस्ती, गंगजला, गौतमनगर, विद्यापति नगर, शिवपूरी, कृष्णानगर, शारदा नगर नया बाजार हरिभवन से आइडीसी चौक व मोती वर्मा क्लिनिक निकलने वाली सड़क, मीर टोला मस्जिद जानेवाली सड़क, समेत लगभग सभी मोहल्ले में बारिश के पानी और नालियों में उफान के कारण सड़कों पर गंदा पानी बह रहा है। इन रास्ते से लोगों का आवागमन कठिन हो रहा है। उबर- खाबड़ सड़कों पर पानी भर जाने के कारण कई पैदल और साईकिल सवार गिरकर चोटिल भी हो रहे हैं। नगर परिषद द्वारा कुछ नालियों की सफाई कराई गई, परंतु कई नालियां अब भी जाम पड़ी हुई है। कई जगह वुडको का ऊंचा नाला बन जाने के कारण गहरे सड़क पर गंदा पानी जमा है। ऐसे में अभी मानसून की मुख्य बारिश में शहर की स्थिति और बिगड़ने की संभावना प्रबल हो गई है। नगर परिषद द्वारा अगर समय रहते तत्काल जगह- जगह कच्चा नाला का निर्माण व जाम पड़ी नालियों की सफाई नहीं की जाएगी तो, अगली आनेवाले दिनों में नगर वासियों को असहनीय पीड़ा झेलने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।