जल के लिए भरत कर रहे हैं भगीरथ प्रयास

सहरसा। साइकिल पर सवार होकर गले में झोला लटकाए घूमने वाले भरत राय लोगों को शुद्ध जल पीने

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 05:24 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 05:24 PM (IST)
जल के लिए भरत कर रहे हैं भगीरथ प्रयास
जल के लिए भरत कर रहे हैं भगीरथ प्रयास

सहरसा। साइकिल पर सवार होकर गले में झोला लटकाए घूमने वाले भरत राय लोगों को शुद्ध जल पीने के लिए लगातार जागरूक करते नजर आते हैं। बिहरा थाना क्षेत्र के रहुआ निवासी समाज सेवी भरत राय वाटर टेस्टर व जल जांच की अन्य उपकरण लिए गलियों में घूमकर लोगों के घरों, सरकारी स्कूलों, कार्यालयों आदि जगहों पर जाकर निश्शुल्क जल की जांच ही करते हैं बल्कि जल को शुद्ध करने के तरीके से भी अवगत कराते हैं। ये नौकरी छोड़कर विगत सात वर्षों से 12 जिलों के दस हजार से अधिक घरों की जांच कर जल को शुद्ध करने का तरीका बता चुके हैं।

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भागलपुर में डॉ. एन के यादव से मिली थी प्रेरणा

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भागलपुर मे डॉ.एन के यादव से मिली प्रेरणा को मूल मंत्र मानकर जल पर शोध करने के और लोगों में अलख जगाने की अभियान में ये जुट गए। वर्ष 2012 मे भागलपुर के कहलगांव से अपने इस अभियान कि शुरुआत की तो कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।मगर ²ढ़ संकल्प के साथ अपने अभियान में जुटे रहे।कटिहार , पूर्णिया , मधेपुरा , सुपौल एवं सहरसा समेत 12 जिले के कई गांवों का भ्रमण कर निजी आवास , स्कूल , सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों में पहुंच कर लोगों से जल के संबंध में पूछताछ किया। उनके चापाकल से पानी की मुफ्त में जांच कर शुद्ध करने की तौर तरीके से अवगत कराया। ये पानी में फ्लोराइड , आयरन , आर्सेनिक एवं बैक्टीरिया कि अधिकता रहने पर पानी से होने वाली बीमारियों की जानकारी भी लोगों को देते हैं।यकहा कि चापाकल से निकलने वाले पानी को कोयला , बालू व पिकेट से शुद्ध किया जा सकता है। खेतीबाड़ी कर किसी तरह अपने एवं अपने परिवार का जीवन यापन करने वाले भरत राय आर्थिक संकट में रहने के बाद भी सुबह घर से निकलते हैं तो देर शाम तक अपने अभियान में जुटे रहते हैं।

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65 से 75 पीपीएम तक पानी है लाभकारी

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जल विशेषज्ञ भरत राय बताते है कि 65 पीपीएम से 75 पीपीएम तक का पानी मानव शरीर के लिए लाभकारी है। उनके अनुसार बाजार में मिलने वाला आरओ मिनरल वाटर शरीर के लिए परफेक्ट नहीं है। एक ओर जहां इससे अशुद्धियां निकल जाती हैं वहीं पानी में मौजूद गुणकारी तत्व भी बाहर निकल जाता हैं।जिससे स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल असर पड़ता हैं।

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लोगों ने किया सराहना

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लालगंज निवासी इंजीनियर मुकेश कुमार झा ने भरत राय के इस प्रयास कि सराहना की।तथा इससे लोगों को काफी लाभ मिलने की बात कही। वहीं बिहरा निवासी दिनेश लाल दास ने बताया कि उनके चापाकल में अत्यधिक आयरन था।मगर भरत द्वारा बताए गए तरकीब से अब स्वच्छ पानी पीते हैं। कई लोगों का मानना है कि जिस प्रकार भागीरथ ने धरती पर हिमालय पर्वत से गंगा को जमीन पर लाने के लिए कठोर तपस्या कि थी। वहीं कलयुग में चापाकल के शुद्ध जल निकालने के लिए कड़ाके की ठंड , धूप व बर्षात मे भरत द्वारा जारी प्रयास की लोग सराहना करते हैं।

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नहीं दे रहे सरकार व सरकारी तंत्र साथ

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निहस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा कर रहे भरत राय का कहना है कि उनके इस अभियान में सरकार व सरकारी तंत्र उनका साथ नहीं दे रहें है।जबकि उनके द्वारा बार-बार जल की शुद्धता से जुड़ी रिपोर्ट प्रशासन को सौंप चुके हैं। लेकिन प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा है।

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