बाढ़ और भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में लगेगा टिबर प्लांट

सहरसा। प्रदूषण के बढ़ रहे खतरे से निपटने के लिए पर्यावरणीय सुरक्षा की ²ष्टि से वन एवं पर्यावरण विभाग लगातार नई रणनीति बना रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में मिशन पांच करोड़ पौधारोपण अभियान में बाढ़ व भूकंप प्रभावित सहरसा जिले में बड़े पैमाने पर फलदार और टिबर प्लांट लगाए जाने की तैयारी चल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 05:54 PM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 05:54 PM (IST)
बाढ़ और भूकंप प्रभावित 
क्षेत्रों में लगेगा टिबर प्लांट
बाढ़ और भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में लगेगा टिबर प्लांट

सहरसा। प्रदूषण के बढ़ रहे खतरे से निपटने के लिए पर्यावरणीय सुरक्षा की ²ष्टि से वन एवं पर्यावरण विभाग लगातार नई रणनीति बना रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में मिशन पांच करोड़ पौधारोपण अभियान में बाढ़ व भूकंप प्रभावित सहरसा जिले में बड़े पैमाने पर फलदार और टिबर प्लांट लगाए जाने की तैयारी चल रही है। पौधारोपण को प्रोत्साहित करने के लिए विभागीय अधिकारी कृषि वानिकी योजना का जोर-शोर से प्रचार में लगे हैं। इस योजना के तहत जहां किसानों से प्रति पौधा दस रुपये सुरक्षित राशि जमा कराई जाएगी, वहीं तीन वर्ष बाद प्रति जीवित पौधा उन्हें 60 रुपये प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके साथ पौधारोपण करनेवाले व्यक्ति की सुरक्षित राशि भी लौटा दी जाएगी।

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सुरक्षित राशि के रूप में एनएससी जमा कर सकेंगे किसान

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जो किसान पौधा खरीदने के लिए नकद राशि जमा नहीं करना चाहते हैं, वे डाकघर से राष्ट्रीय बचत पत्र खरीदकर उसे विभाग में जमा कर भी पौधा खरीद सकते हैं। इससे जहां उन्हें एनएससी का समय पर डाकघर से ब्याज प्राप्त होगा, वहीं उन्हें बिना नकद राशि जमा किए पौधा प्राप्त करने की सुविधा मिल सकेगी। विभाग ने सभी किसानों को आधार कार्ड के आधार पर विभागीय स्टॉल के अलावा गांव- गांव में चलंत वाहन से भी पौधा विक्री के लिए भेजने की तैयारी की है। आगामी नौ अगस्त के महाभियान में जिले के अधिकाधिक किसान को इस योजना से जोड़े जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए पौधा भी तैयार हो रहा है।

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50 फीसद पौधा जीवित रखनेवाले किसान को ही मिलेगा प्रोत्साहन राशि

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विभाग का मानना है कि किसान द्वारा दस रूपये की दर से जो पौधा खरीद किया जाएगा, तीन वर्ष बाद उसमें कम- से- कम पचास फीसद पौधा का जीवित रहना अनिवार्य है। पचास फीसद से कम पौधा जीवित रहने की स्थिति में उन्हें प्रोत्साहन राशि का लाभ नहीं मिलेगा। विभाग का मानना है कि इससे किसान पौधा पर विशेष निगरानी रखेंगे, जो अन्तत: उनकी ही संपत्ति रह जाएगी। इसके बदले उन्हें प्रति पौधा 60 रूपये प्रोत्साहन भी मिलेगा।

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पर्यावरण संरक्षण के लिहाज किसानों को पौधरोपण के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सरकार यह योजना चलाया है। इससे जहां तैयार पौधा किसानों की स्थायी संपत्ति होगी, वहीं इसके लगाने के मद में उन्हें प्रोत्साहन राशि भी प्राप्त होगा। इससे बड़े पैमाने पर पौधरोपण होगा और पौधे की सुरक्षा होगी।

ललितेश झा

वनक्षेत्र पदाधिकारी, सहरसा।

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