सच्चे दिन से की गई तौबा को अल्लाह करते हैं कबूल: मौलाना रिजवान
सहरसा। रहमत मगफिरत एवं जहन्नुम की आग से छुटकारा दिलाने वाले पवित्र रमजान माह के दूसरे जुमे का नमाज अ
सहरसा। रहमत मगफिरत एवं जहन्नुम की आग से छुटकारा दिलाने वाले पवित्र रमजान माह के दूसरे जुमे का नमाज अदा कर कोरोना के खात्मे की दुआ मांगी गई। रोजेदारो ने कहा अल्लाह पूरी दुनिया इससे परेशान है। इंसानियत के इस दुश्मन को समाप्त कर अमन-चैन लौटा दें। फेनसाहा जामा मस्जिद के इमाम हजरत मौलाना रिजवान मुस्तकीम ने कहा कि शुक्रवार को मगरीब की नमाज के बाद रमजान का दूसरा असरा शुरू हो जाएगा यानि रामजान का दूसरा दस दिन गुनाहों से माफी का होता है। इसमें कहा गया है कि सच्चे दिल से की गई तौबा कबूल की जाती है और गुनाहों से माफी मिल जाती है। मौलाना कहते हैं कि साल के ग्यारह माह में लोग दुनिया के झंझावतों में फंसकर कई ऐसे गुनाह कर लेते हैं लेकिन रोजेदार सच्चे दिल से इन गुनाहों से माफी मांगें तो अल्लाह गुनाहों को माफ कर देते हैं। मौलाना ने रोजेदारों से कहा कि रमजान के इबादत संग रोजेदार कोरोना से निजात दिलाने एवं लोगों की सलामती के लिए लगातार दुआ करते रहें। अल्लाह अपने बंदों की दुआ जरूर कबूल करेंगे। कोरोना से बचाव के लिए एहतियात जरूरी है। इसलिए घरों में रहकर इबादत करें। रोजेदारों को चाहिये की माफी तलब करते हुए पांच क्क्त की नमाज तरावीह और तिलावते कुरान करते रहना चाहिये।
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तारवीह के प्रत्येक सजदे पर मिलती है डेढ़ हजार नेकी
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मौलाना कहते हैं कि तरावीह के प्रत्येक सजदे पर रोजेदारों को अल्लाह के तरफ से प्रत्येक सजदे पर डेढ़ हजार नेकी दी जाती है। यानी बीस रिकअत तरावीह मे इंसान सच्चे दिल से तरावीह पढ कर डेढ़ लाख नेकी प्रतिदिन हासिल कर सकते हैं।