शहर में चलने लायक नहीं है एक भी सड़क

सहरसा। कोसी प्रमंडल मुख्यालय सहरसा होने के बाद भी यहां चलने लायक एक भी सड़क नहीं है। सह

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 07:50 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 05:14 AM (IST)
शहर में चलने लायक नहीं है एक भी सड़क
शहर में चलने लायक नहीं है एक भी सड़क

सहरसा। कोसी प्रमंडल मुख्यालय सहरसा होने के बाद भी यहां चलने लायक एक भी सड़क नहीं है। सहरसा से जुड़ने वाली सड़क हो या शहरी क्षेत्र में चलने वाली सभी सड़कें गड्ढे में तब्दील हो चुकी है। मुख्य शहर की सड़कों पर महीनों जल जमाव लगा रहता है। सहरसा में जन प्रतिनिधि की उदासीनता का यह आलम है कि एक भी सड़क बढि़या बनें इसकी चिता जनप्रतिनिधियों को नहीं है। हर योजना में लूट मची है। प्रशासन के नाक के नीचे सड़कों व नाला निर्माण के नाम पर घटिया सामग्री का इस्तेमाल होता है। वैसे तो हर चुनाव में सहरसा में बढि़या सड़क एवं जल जमाव से मुक्ति दिलाने का मुद्दा आता है। लेकिन यह यह घोषणा तक सिमट कर रह जाता है। आम लोग जनप्रतिनिधियों की ओर टकटकी लगाए रहते है कि इस बार तो सड़क बनकर रहेगी और वर्षों से जल जमाव का दंश झेल रहे शहरवासियों को इससे मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन चुनाव जीतते ही जनप्रतिनिधियों के लिए आम जनता के लिए बुनियादी सुविधाएं बेकार लगने लगती है। जनप्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद वादे को भूल जाते हैं। सहरसा शहर की मुख्य सड़क डीबी रोड, बंगाली बाजार, गांधी पथ, बनगांव रोड सब जगह जलजमाव की समस्या से लोग जूझते है। मुहल्ला और गली की सड़क पर तो महीनों पानी लगा रहता है। इसके बाद भी न जिला प्रशासन की और न ही जनप्रतिनिधियों की नीदं खुलती है। शहर में पूरब बाजार, रिफ्यूजी कॉलोनी, सराही सहित अन्य जगहों पर हाल ही में सड़क बननी शुरू हुई है। एक तरफ सड़क बन रही है तो दूसरी तरफ सड़क टूटनी शुरू हो गयी है। इस बार भी बेहतर सड़क एवं जल जमाव से मुक्ति दिलाने का मुद्दा विधानसभा चुनाव में बनेगा।

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