पुस्तकालय में शास्त्र की जगह रहते हैं सुरक्षा गार्ड

सहरसा । महिषी उग्रतारा मंदिर परिसर में बिहार पर्यटन निगम द्वारा करीब 12 लाख की लागत से वर्ष

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Sep 2021 06:26 PM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 06:26 PM (IST)
पुस्तकालय में शास्त्र की जगह रहते हैं सुरक्षा गार्ड
पुस्तकालय में शास्त्र की जगह रहते हैं सुरक्षा गार्ड

सहरसा । महिषी उग्रतारा मंदिर परिसर में बिहार पर्यटन निगम द्वारा करीब 12 लाख की लागत से वर्ष 2014 में बनवाए गए पुस्तकालय भवन में प्रशासन की उदासीनता के कारण सात वर्षो के बाद भी एक पुस्तक नहीं आ सकी। इस पुस्तकालय में शास्त्र की जगह सुरक्षा बल व उसके अस्त्र, शस्त्र रहते हैं।

वर्ष 2012 में प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेवा यात्रा के दौरान महिषी उग्रतारा मंदिर आगमन के दौरान इस स्थल पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से तीन करोड़ 26 लाख की राशि आवंटित की गई थी। जिसमें 12 लाख की लागत से सातवीं सदी के विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक पं.मंडन मिश्र के बासडीह पर पुस्तकालय निर्माण करवाया जाना था। मंडन धाम पर निर्माण के दौरान की गई खुदाई में मिले प्राचीन कुंआ के अवशेष के बाद पुस्तकालय भवन का निर्माण स्थानांतरित कर उग्रतारा मंदिर के पीछे करवाया गया। भवन निर्माण वर्ष 2014 में पूर्ण करवा लिया गया परंतु इस पुस्तकालय भवन में न तो पुस्तकों को रखने के लिए आलमारी मिली और न ही सात वर्षों बाद ही एक भी पुस्तक मिल सकी। जिससे शिक्षा प्रेमी ग्रामीण निराश हैं। इस संबंध में सेवानिवृत शिक्षक शोभाकांत ठाकुर ,भीमनाथ चौधरी ,कमलाकांत झा ,सहित युवा धनंजय झा,शेखर झा ,संजय झा सहित अन्य ने बताया कि उन्हें पुस्तकालय भवन निर्माण के बाद उम्मीद थी कि गांव में सार्वजनिक पुस्तकालय शुरू होने से युवाओं को पढ़ाई के लिए एक बेहतर जगह मिल सकेगी। समाज के बुजुर्गों को आध्यात्मिक पुस्तकें उपलब्ध हो सकेगी ,जिससे गांव के सामाजिक वतावरण में सकारात्मक बदलाव आएगा परंतु प्रशासनिक उदासीनता के कारण सात वर्षो के उपरांत भी उनका ये सपना पूरा नहीं हो सका है।

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