निजी स्कूलों को आर्थिक अनुदान व बकाया आरटीई राशि देने की मांग

सहरसा। चिल्ड्रेन स्कूल्स एसोसिएशन ने सहरसा जिले में निजी विद्यालयों को आर्थिक अनुदान एवं बकाया आरटीई की राशि दिए जाने की मांग मुख्यमंत्री से की है। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में एसोसिएशन के प्रमंडलीय अध्यक्ष रामसुंदर साहा ने कहा कि वर्षों से शिक्षा का उत्तरोत्तर विकास निजी विद्यालयों में हो रहा है। कोरोनाकाल को लेकर मार्च से दिसंबर 20 तक सभी सरकारी तथा गैर सरकारी विद्यालयों को बंद कर दिया गया। विद्यालय बंद होने से बच्चों की पढ़ाई बंद हो गई। विद्यालयों में बच्चों के अभिभावकों द्वारा शुल्क आदि जमा नहीं हो रहा है जिसके कारण निजी विद्यालयों की सभी व्यवस्था 14 महीने से चौपट हो गई है जबकि सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को वेतन दिया जा रहा है लेकिन बच्चों की फीस पर चलनेवाला निजी विद्यालय को फीस आना बंद हो गया

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 06:51 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 06:51 PM (IST)
निजी स्कूलों को आर्थिक अनुदान व
बकाया आरटीई राशि देने की मांग
निजी स्कूलों को आर्थिक अनुदान व बकाया आरटीई राशि देने की मांग

सहरसा। चिल्ड्रेन स्कूल्स एसोसिएशन ने सहरसा जिले में निजी विद्यालयों को आर्थिक अनुदान एवं बकाया आरटीई की राशि दिए जाने की मांग मुख्यमंत्री से की है। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में एसोसिएशन के प्रमंडलीय अध्यक्ष रामसुंदर साहा ने कहा कि वर्षों से शिक्षा का उत्तरोत्तर विकास निजी विद्यालयों में हो रहा है। कोरोनाकाल को लेकर मार्च से दिसंबर 20 तक सभी सरकारी तथा गैर सरकारी विद्यालयों को बंद कर दिया गया। विद्यालय बंद होने से बच्चों की पढ़ाई बंद हो गई। विद्यालयों में बच्चों के अभिभावकों द्वारा शुल्क आदि जमा नहीं हो रहा है जिसके कारण निजी विद्यालयों की सभी व्यवस्था 14 महीने से चौपट हो गई है, जबकि सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को वेतन दिया जा रहा है, लेकिन बच्चों की फीस पर चलनेवाला निजी विद्यालय को फीस आना बंद हो गया। जिस कारण निजी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों सहित कमरे का किराया सहित अन्य कोई सुविधा नहीं मिली है। बच्चों का अभी भी कोरोना काल में स्कूल आना बंद ही है। शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्वीकृत प्राप्त आरटीई के अंतर्गत 25 प्रतिशत अलाभकारी परिवार के बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाया जाता है। उसकी क्षतिपूर्ति की राशि वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक शिक्षा विभाग में लंबित है। जिसका भुगतान कोरोना काल में आवश्यक हो गया है। निजी विद्यालयों का सभी व्यवस्था बच्चों के अभिभावकों द्वारा दी गयी शुल्कादि से होता है। निजी विद्यालयों में मकान भाड़ा, सहायक शिक्षक- शिक्षिकाओं तथा कार्यरत कर्मचारियों का मासिक वेतन बच्चों के शुल्कादि से होता है। लेकिन कोरोना काल में शुल्कादि जमा होना बंद है। निजी विद्यालयों पर बैंक का कार्य , मकान भाड़ा, बिजली विपत्र बाकी है। स्कूल संचालकों के समक्ष भुखमरी की स्थिति है। अध्यक्ष ने भारत सरकार एवं बिहार सरकार निजी विद्यालयों को सुव्यवस्थित करने तथा बेरोजगारों को आपदा राहत कोष से अनुदान देने की कृपा करें। प्राकृतिक विपदा के समय अनुदान देकर शिक्षा शिक्षण के कार्य में सहयोग कर शिक्षा के विकास में कार्य कर रहे बेरोजगारों को राहत दिया जाए।

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