40 फीसद से अधिक गर्भवती हो रही एनीमिया की शिकार

जासं सहरसा जिले में 40 फीसद से अधिक गर्भवती एनीमिया से ग्रसित है। हीमोग्लोबिन की मात्रा कम रहने पर शरीर के उत्तक तक आक्सीजन ले जाने में रक्त की क्षमता में कमी हो जाती है। इसके फलस्वरूप थकान कमजोरी चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ होना जैसी समस्याओं का सामना महिलाओं को करना पड़ता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 05:35 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 05:35 PM (IST)
40 फीसद से अधिक गर्भवती 
हो रही एनीमिया की शिकार
40 फीसद से अधिक गर्भवती हो रही एनीमिया की शिकार

जासं, सहरसा: जिले में 40 फीसद से अधिक गर्भवती एनीमिया से ग्रसित है। हीमोग्लोबिन की मात्रा कम रहने पर शरीर के उत्तक तक आक्सीजन ले जाने में रक्त की क्षमता में कमी हो जाती है। इसके फलस्वरूप थकान, कमजोरी, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ होना जैसी समस्याओं का सामना महिलाओं को करना पड़ता है। सिविल सर्जन का मानना हे कि उचित पोषण से एनीमिया को दूर किया जा सकता है। इसके लिए जागरूक किया जा रहा है।

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एनीमिया मातृ एवं शिशु मृत्यु का एक बड़ा कारण

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सिविल सर्जन डा. अवधेश कुमार ने बताया गर्भवती महिलाओं का एनीमिया का शिकार हो जाना एक आम समस्या बनकर सामने आ रही है। आंकड़ों की मानें तो 40 फीसद से अधिक गर्भवती महिलाएं एनीमिया की शिकार हो जाती हैं। गर्भकाल में एनीमिया का शिकार हो जाने वाली ऐसी महिलाओं को इसके कारण अन्य कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यही नहीं, गर्भवतियों के एनीमिया का शिकार हो जाने का बुरा प्रभाव खराब मातृ और जन्म परिणामों से भी जुड़ा है जिसमें समय से पहले जन्म, जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना यहां तक कि एनीमिया ग्रसित गर्भवती महिलाओं का प्रसवकालीन और नवजात का मृत्यु होना भी शामिल है। प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु की मौत एक बड़ा कारण गर्भवती महिलाओं का एनीमिया का शिकार होना है। गर्भवती महिलाओं की पहली या दूसरी तिमाही में एनीमिया का शिकार हो जाने से जन्म के समय बच्चे का कम वजन और समय से पहले जन्म का खतरा काफी बढ़ जाता है। प्रसव पूर्व आयरन टेबलेट जन्म के समय बच्चे का वजन को बढ़ाता है। गर्भकाल में एनीमिया से ग्रसित हो जाने से महिलाएं अधिक तनाव और अवसाद का भी अनुभव करती है।

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पोषण से दूर की जा सकता है एनीमिया

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सिविल सर्जन ने बताया उचित पोषण द्वारा एनीमिया को आसानी से दूर किया जा सकता है। एनीमिया दूर करने करने का मुख्य पोषक तत्व आयरन, विटामिन ए, विटामिन बी 12 और फोलेट हैं। इन पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थो का सेवन बढ़ाने एवं पोषक तत्वों की आवश्यकताओं को पूरा कर एनीमिया को रोका जा सकता है। आवश्यक विटामिन ए की कमी को हरी सब्जियां, साग आदि के माध्यम से आसानी से दूर किया जा सकता है। वहीं आयरन की कमी दूर करने के लिए हरी सब्जियों के साथ-साथ डेयरी उत्पाद, अंडे, मांस, मछली का उपयोग किया जा सकता है। फलियां और हरी पत्तेदार सब्जियों, साबुत अनाज और फलों के सेवन से भी एनीमिया मुक्त हो सकते हैं।

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