बाबा साहेब के दिए संविधान को बचाना आवश्यक : मिन्नत रहमानी
सहरसा। सीएए एनआरसी और एनपीआर के विरोध में अनुमंडल मुख्यालय स्थित रानीबाग मैदान मे संविधान बच
सहरसा। सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में अनुमंडल मुख्यालय स्थित रानीबाग मैदान मे संविधान बचाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान सिविल सोसाइटी की ओर से चल रही अनिश्चितकालीन धरना के चौथे दिन अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मिन्नत रहमानी ने कहा कि यह किसी जाति,धर्म की लड़ाई नहीं बल्कि हिन्दुस्तान के गंगा जमुना संस्कृति को बिगाड़ने और बाबा साहेब अंबेदकर के बनाए संविधान को बचाने की लड़ाई है। देश और प्रदेश में असंख्य समस्या हैं जिससे छुटकारा दिलाने के नाम पर केन्द्र में बनी मोदी और शाह की सरकार अब हिटलरशाही के तहत नए-नए कानून बनाकर समाजिक ताना- बाना को बिगाड़ने में जुटी है। आखिर केन्द्र सरकार द्वारा असम में कराया गया एनआरसी जब विफल हो गया तो उस में सुधार के लिए सीएए ले आया। समाज को जाति धर्म मे बांट कर कोइ भी सरकार बहुत दिनों तक जनता की प्यारी नहीं रह पाएगी। बेरोजगारी व महंगाई चरम पर है। कहा कि इस मुल्क को सभी जाति धर्म के लोगों ने मिल कर आजाद करवाया। आज पुरी दुनिया में भारत अपनी साझी शहादत और साझी विरासत एवं सबसे मजबूत लोकतंत्र के लिए जाना जाता है। वहीं मौजूदा केन्द्र सरकार संघीय ढांचा को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। जिसको देश की जनता कभी नहीं होने देगी। इस अवसर पर मो.शमशाद आलम, कांग्रेस के जोनल चेयरमैन चांद मंजर इमाम,जिला अल्पसंख्यक अध्यक्ष महबूब आलम,साकिब इकबाल,मो.मुश्ताक, शकील आलम,मंच संचालक सैयद हेलाल अशरफ,जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रो.विद्यानंद मिश्र,सुरेन्द्र यादव,छत्री यादव,रामशरण कुमार,शाहनवाज बदर,मनोज कुमार,भीमशरण हंस, परवजे आलम, नुदरत प्रवीण, अख्तर सिद्दकी, नजीरूल इस्लाम, मजनू हैदर, पुनपुन यादव, अजय बढ़ई, मो.आसिफ, शाहिद मुस्तुफा, नइमउद्दीन, आरजू आलम सहित अन्य मौजूद थे।