आम की नई प्रजाति दूर करेगी अनियमित फलन की परेशानी

सहरसा। कोसी क्षेत्र में जलजीवन हरियाली अभियान के तहत बड़े पैमाने पर पौधरोपण की योजना है। अ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Oct 2019 04:59 PM (IST) Updated:Sat, 19 Oct 2019 04:59 PM (IST)
आम की नई प्रजाति दूर करेगी अनियमित फलन की परेशानी
आम की नई प्रजाति दूर करेगी अनियमित फलन की परेशानी

सहरसा। कोसी क्षेत्र में जलजीवन हरियाली अभियान के तहत बड़े पैमाने पर पौधरोपण की योजना है। आम के द्विवार्षिक फलन की समस्या दूर करने के लिए वैज्ञानिक तरीके से नई प्रजाति के आम के पौधे लगाने की तैयारी की गई है। इस इलाके में आम की फसल प्राय: द्विवार्षिक होती है। उद्यान विभाग ने इस अनियमित फलन की समस्या दूर करने के लिए अनुसंधान के आधार पर नई रणनीति तैयार की है। जिसके लिए वैज्ञानिकों ने आम की कई अच्छी किस्मों का विकास किया है जो अब हर वर्ष फल देगी।

कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि आम के फसल की समस्या मूलत: अनुवांशिक कारण से है। वृक्ष अपने पैतृक गुणों के कारण प्रतिवर्ष फलने में सफल नहीं हो पाते। पिछले दो- तीन दशकों से वैज्ञानिकों ने आम की अच्छी शंकर किस्म का विकास किया है जिसमें प्रति वर्ष फल आ रहे हैं। इसमें आम्रपाली, मल्लिका, रत्ना, सबरी, जवाहर, महमूद, बहार, प्रभा, संकर, सुंदर, लंगड़ा, फजुली, अरका फनीत, अरका अरूण, अनमोल मंजरी आदि प्रमुख है। इन किस्मों के बाग लगाने से हर वर्ष आम का फलन होगा। इससे जहां इलाके में हरियाली आएगी, वहीं आमलोग लाभांवित होंगे।

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आम की बागों का होगा छत्र प्रबंधन

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अधिकतम गुणवत्तावाले फलों की प्राप्ति के लिए सघन बागवानी पद्धति एवं छत्र (कैनॉपी)प्रबंधन आवश्यक होता है। छत्र प्रबंधन द्वारा छोटे आकार के वृक्षों के सृजन से अच्छे गुणवाले फल का अधिकतम उत्पादन लिया जा सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि बड़े वृक्ष की तुलना में छोटा वृक्ष सूर्य की रोशनी को अधिक मात्रा में ग्रहण करता है, जिसके कारण फल उत्पादन अधिक होता है। नए प्रजाति के पौधे के साथ इस पद्धति का भी प्रयोग किया जाएगा।

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आम के अनियमित फलन के कारण लोगों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता। वैज्ञानिक पद्धति से इस द्विवार्षिक फलन की समस्या दूर कर दी गई है। शोध के अनुसार नई प्रजातियों का पौधे लगाने से हर वर्ष आम का उत्पादन होगा, इससे लोग काफी लाभांवित होंगे।

संतोष कुमार सुमन

उद्यान निदेशक, सहरसा।

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