लाभुकों के खाद्यान्न में मनमाने तरीके से कटौती कर रहे डीलर

सहरसा। कोरोना महामारी के दौरान जब मजदूरों, रिक्शा चालकों व अन्य जरूरतमद जब भुखमरी के शिकार होने लगे

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 07:50 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 07:50 PM (IST)
लाभुकों के खाद्यान्न में मनमाने   तरीके से कटौती कर रहे डीलर
लाभुकों के खाद्यान्न में मनमाने तरीके से कटौती कर रहे डीलर

सहरसा। कोरोना महामारी के दौरान जब मजदूरों, रिक्शा चालकों व अन्य जरूरतमद जब भुखमरी के शिकार होने लगे तो सरकार ने गरीब कल्याण अन्य योजना से मुफ्त खाद्यान्न वितरण की शुरूआत की।

इस योजना में पहले चावल की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगा। डीलर मनमाने तरीके से खाद्यान्न की कटौती करने लगे। हालांकि जिलाधिकारी कौशल कुमार के निर्देश पर इसमें सीएमआर का उपयोग किया जाने लगा, फिर भी डीलर खाद्यान्न में कटौती करते रहे। इसमें जिले के कुछ डीलरों पर कार्रवाई भी हुई, परंतु विभिन्न पंचायतों से अब भी पीएचएच अंत्योदय के लाभुकों द्वारा अब तरह की शिकायतें की जा रही है।

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वाहन संवेदकों की मनमानी से

भी प्रभावित हुआ वितरण

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बीते अप्रैल और मई माह में डीलरों को समय पर खाद्यान्न नहीं पहुंच सका, जिसके कारण डीलर खाद्यान्न नहीं मिलने के नाम पर लाभुकों को परेशान करने लगे। बाद में जिलाधिकारी की पहल पर बीते माह का खाद्यान्न अगले माह में वितरण कराया गया, परंतु इसमें सैकड़ों लोग वंचित रह गए। इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले वाहन संवेदकों की राशि की जब कटौती की गई, तब खाद्यान्न डीलरों तक समय से पहुंचने लगा है, परंतु कम तौल की शिकायतें अब भी मिल रही है।

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चार लाख सात हजार लाभुकों को दिया जा रहा है खाद्यान्न

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जिले में अंत्योदय योजना व पीएएच कार्डधारियों की संख्या चार लाख सात हजार 773 कार्डधारी है।

वर्ष 2020 में सदर अनुमंडल में 56 हजार और सिमरीबख्तियारपुर अनुमंडल में 13 हजार तथा वर्ष 2020 में सदर अनुमंडल में बीस हजार तथा सिमरीबख्तियारपुर अनुमंडल में 8500 नया कार्ड बनाया गया। एकतरफ नया कार्ड बनता रहा और दूसरी तरफ पाश मशीन से कार्डों के निष्क्रिय होने के नाम पर सैकड़ों लाभुकों को दौड़ाया जाता रहा। महखड़ के घुरण मुखिया की पत्नी बबीता देवी बताती है कि उनके पति के नाम पर कार्ड है डीलर द्वारा कहा जाता है कि नियमित ट्रांजेक्शन नहीं होने से मशीन में इसका डिटेल नहीं आ रहा है। इसलिए खाद्यान्न नहीं मिलेगा। साहपुर के रविद्र तांती का कहना है कि उन्हें को कई महीने मुफ्त राशन नहीं दिया गया, एसडीओ से शिकायत करने के बाद हमारा राशन मिलना शुरू हुआ। शुरूआती दौर में तो अधिकारियों की देखरेख में दो- तीन महीना खाद्यान्न वितरण कराया गया, जब डीलरों के भरोसे इसे छोड़ दिया गया, तो योजना के खाद्यान्न् की कालाबाजारी जारी है।

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