सब्जी के ऑनलाइन व्यवसाय के लिए प्रखंडों में खुलेगी मंडी
सहरसा। पारंपरिक खेती से हो रही हानि के कारण खेती से विमुख हो रहे किसानों के अच्छी ख
सहरसा। पारंपरिक खेती से हो रही हानि के कारण खेती से विमुख हो रहे किसानों के अच्छी खबर है। आने वाले दिनों में अन्य चीजों की तरह सब्जी का भी ऑनलाइन व्यवसाय होगा। इसके लिए सहकारिता विभाग एक नई रणनीति बना रहा है। सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए विभाग ने सभी प्रखंडों में प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समिति (पीवीसीएस) बनाने का निर्णय लिया है। जिसके माध्यम से प्रखंडों में मंडी बनेगी और सब्जी का ऑनलाइन सौदा तय होकर समय पर निर्धारित जगहों पर पहुंचाई जाएगी। इससे कोसी क्षेत्र सब्जी की खेती को बढ़ावा मिलेगा, इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। सहकारी समितियां भी इससे काफी लाभांवित होगी।
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दियारा में सब्जी की होगी बड़े पैमाने पर खेती
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कोसी क्षेत्र के सीपेज वाले इलाके में हजारों एकड़ भूमि बाढ़ का पानी उतर जाने के बाद बेकार रह जाता है। कृषि विभाग ने इस इलाके में दियारा विकास योजना के तहत सब्जी की खेती की योजना बनाई है, परंतु बाजार के अभाव में इस योजना को बल नहीं मिल सका। सहकारिता विभाग द्वारा मंडी स्थापित करने की इस योजना से इस इलाके में सब्जी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इससे जहां यह इलाका सब्जी उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा। वहीं पारंपरिक खेती की अपेक्षा किसानों को अत्यधिक लाभ होगा। प्रवासी श्रमिकों को भी इससे रोजगार मिलेगा। कृषि विभाग द्वारा इसके लिए किसानों को सब्जी का मुफ्त बीज भी उपलब्ध कराया जाएगा।
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पीवीसीएस में दस टनवाले मल्टी चैंबर कोल्ड स्टोरेज की होगी स्थापना
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प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समिति (पीवीसीएस) के लिए जमीन की खोज चल रही है। दस हजार वर्गफीट में पीवीसीएस की स्थापना होगी। इसके परिसर में सब्जियों की छंटनी, ग्रेडिग और पैकेजिग की व्यवस्था होगी। सब्जियों के रखरखाव हेतु दस टन की क्षमता वाला मल्टी चैंबर कोल्ड स्टोरेज की भी स्थापना की जाएगी। इसके अलावा उद्यान विभाग ने भी फलों और सब्जियों के रखरखाव हेतु मिली शीत भंडार स्थापित करने की योजना बनाई है। इससे आनेवाले दिनों में कोसी क्षेत्र सब्जी उत्पादन के मामले में पूरी तरह सक्षम हो सकेगा।
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विभाग द्वारा प्रखंड स्तर पर मंडी स्थापित करने की योजना बनाई गई है। इसकी स्थापना से कोसी क्षेत्र के किसानों को काफी लाभ पहुंचेगा।
सैयद मशरूक आलम,
डीसीओ, सहरसा।