आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को मिलेगा पौष्टिक लड्डू

सहरसा। कोरोना संक्रमण की वजह से आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों में कुपोषण से जुड़ी समस्या क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 05:26 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 05:26 PM (IST)
आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों 
को मिलेगा पौष्टिक लड्डू
आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को मिलेगा पौष्टिक लड्डू

सहरसा। कोरोना संक्रमण की वजह से आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों में कुपोषण से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिये हाई एनर्जी फूड की रेसिपी के तहत खास किस्म के लड्डू पोषक क्षेत्र के बच्चों के घर पहुंचाया जाएगा। विभागीय निर्णय के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित तीन से छह वर्ष के बच्चे कुपोषण के शिकार न हों, इसके लिए बच्चों को पौष्टिक लड्डू खिलाया जाएगा। बच्चों को दिया जाने वाला पौष्टिक लड्डू बाहर का निर्मित नहीं होगा, बल्कि आंगनबाड़ी केंद्र को संचालित करने वाली सेविका ही बनाएंगी। ताकि बच्चों को दिए जाने वाले पौष्टिक लड्डू में मिलावट करने की कोई गुंजाइश नहीं होगी ।

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सेविका बनाएंगी लड्डू, बाहर से नहीं होगी खरीदारी

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सेविकाओं को पौष्टिक लड्डू बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। ताकि, स्कूल पूर्व शिक्षा के बच्चों को पौष्टिक लड्डू देने से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सके। पहले बच्चों को दैनिक पोषाहार के रूप आंगनबाड़ी केंद्रों पर पका भोजन खिचड़ी, दलिया, हलवा समेत अन्य भोजन मिलता था। किन्तु, अब बच्चों को सेविका-सहायिका के हाथों तैयार किया हुआ पोषण लड्डू के साथ-साथ सत्तू लड्डू मिलेगा। सप्ताह के तीन दिन सत्तू लड्डू मिलेगा जिसे सत्तू के साथ मूंगफली, शुद्ध घी, गुड़ (शक्कर) के संयुक्त मिश्रण से तैयार किया जाएगा। सप्ताह के तीन दिन पोषण लड्डू मिलेगा जिसे गेहूं का आटा, मड़ुआ, बिना छिलके वाली मूंग दाल, उसना चावल, घी के साथ गुड़ के संयुक्त मिश्रण से बनाया जाएगा जो बच्चों के लिए न सिर्फ उचित पोषण होगा बल्कि, सुपाच्य और सुरुचिपूर्ण भी होगा। कुपोषण की समस्या का स्थाई समाधान होगा।

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गांव की महिलाओं को भी दिया जाएगा प्रशिक्षण

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आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा उनके पोषण क्षेत्र की महिलाओं को भी प्रसंस्कृत लडडू तैयार करने की जानकारी दी जाएगी। ताकि वे इसे अपने घर पर तैयार कर बच्चों को दें। इससे वे अपने बच्चों को कुपोषण की समस्या से निजात दिला सकेंगी। इस लड्डू की सबसे अच्छी बात यह है कि यह पौष्टिक तो है ही, साथ ही सूखा होने के कारण लंबे समय तक इस्तेमाल में लाया जा सकेगा। जो बच्चों के पोषण संबंधी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा।

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कोट आईसीडीएस विभाग संक्रमणकाल में भी बच्चों को कुपोषण से बचाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। जिससे पोषण अभियान को और भी सरल और सुविधाजनक बनाया जा सकेगा। मिथिलेश कुमारी

सेविका

मध्य विद्यालय नवहट्टा केन्द्र

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