गांव से खेल की शुरूआत करने वाली प्रीति बनी राष्ट्रीय खिलाड़ी

सहरसा। जिले के सत्तर कटैया गांव की खिलाड़ी प्रीति कुमारी अपनी लगन व प्रतिभा के बल पर नेशन

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 05:24 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 05:24 PM (IST)
गांव से खेल की शुरूआत करने 
वाली प्रीति बनी राष्ट्रीय खिलाड़ी
गांव से खेल की शुरूआत करने वाली प्रीति बनी राष्ट्रीय खिलाड़ी

सहरसा। जिले के सत्तर कटैया गांव की खिलाड़ी प्रीति कुमारी अपनी लगन व प्रतिभा के बल पर नेशनल खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बना चुकी है। एक छोटे से गांव के खेतों में वॉलीबाल खेलनेवाली प्रीति तीन-चार वर्षों में ही कई बार नेशनल गेम खेलकर अपने गांव का नाम रौशन कर चुकी है। पेशे से किसान अरविद कुमार यादव की 16 वर्षीया पुत्री प्रीति ने वर्ष 2007 में वॉलीबाल खेलना शुरू किया। खेल के क्षेत्र में शहर में लड़कियां की कमी रहती है। ऐसे में एक गांव में वॉलीबाल खेल रही प्रीति की लगन व मेहनत ने उसे जल्दी ही जिला में लोकप्रिय खिलाड़ी बना दिया। वो कहती है कि गांव में कोई खेल का मैदान नहीं था तो लड़के फुटबाल खेला करते थे तो इनकी इच्छा होती थी कि वे भी खेलें। लेकिन, गांव में माहौल नहीं रहने के कारण लड़कों के साथ लड़की के खेलने की मनाही थी। मन में खेलने की कसक थी। इधर शारीरिक शिक्षक और वॉलीबाल के कोच धर्मेंद्र सिंह नयन नियमित रूप से बच्चों को वॉलीबाल की ट्रेनिग खेतों में फसल कटने के बाद देते थे। स्कूल में पढ़ाई नहीं छूटे इसीलिए कड़ी धूप में ही छुट्टी के समय बच्चों को वॉलीबाल की प्रैक्टिस कराते थे। खेल गुरू के रूप में चर्चित धर्मेंद्र सिंह नयन ने गांव की बच्चियों को इकट्ठा कर वॉलीबाल की लड़कियों की टीम तैयार कर ली जिसमें प्रीति भी शामिल हो गयी। इसके बाद तो प्रीति ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वॉलीबाल कोच नयन जी की देखरेख में कुछ ही दिनों में प्रीति वॉलीबाल के सारे गुर सीख गयी। इसके बाद जिला स्तर पर आयोजित वॉलीबाल चैम्पियनशिप में प्रीति बाजी जीत गई और धीरे-धीरे राज्य स्तर से होते हुए राष्ट्रीय स्तर पर कई बार प्रतियोगिता में अपनी जगह बनायी। राष्ट्रीय स्तर के वॉलीबाल प्रतियोगिता में इन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर स्थापित हो गई। इनकी इच्छा है कि वे वॉलीबाल के भारतीय टीम में शामिल हो। इसके लिए वे दिन रात अब भी मेहनत कर रही है। बिहार टीम बनकर कई बार वह नेशनल गेम में हिस्सा ले चुकी है।

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कई बार नेशनल खेलों में लिया हिस्सा

प्रीति वॉलीबाल नेशनल चैम्पियनशिप में कई बार हिस्सा ले चुकी है। वर्ष 2018 में मिजोरम में वॉलीबाल मिनी नेशनल चैम्पियनशिप में बिहार टीम की ओर से खेल चुकी है। वहीं वर्ष 2019 में जूनियर नेशनल वॉलीबाल चैम्पियनशिप चंडीगढ़ एवं यूथ गेम वॉलीबाल नेशनल चैम्पियनशिप राजस्थान के झुंझनू में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। 11वीं में पढ़ रही प्रीति कई बार राज्य स्तरीय वॉलीबाल चैम्पियनशिप में खेल का बेहतर प्रदर्शन की है जिसके बदौलत ही उन्हें हर वर्ष नेशनल चैम्पियनशिप में जाने का अवसर मिलता है।

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कई बार हो चुकी है पुरस्कृत

जिला स्तर पर आयोजित कई खेल प्रतियोगिता में प्रीति पुरस्कृत हो चुकी है। कोशी महोत्सव के अवसर पर होने वाले खेल प्रतियोगिता में भी इन्हें प्रशस्ति पत्र मिल चुका है। वॉलीबाल के कोच धर्मेंद्र सिंह नयन कहते हैं कि प्रीति में काफी संभावनाएं है। इसके अलावा चार लड़की सत्तर गांव की ही नेशनल खेल चुकी है।

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