वैदेही कला संग्रहालय से क्षेत्र की संस्कृति होगी समृद्ध : मंत्री

संवाद सूत्र सहरसा बुधवार को शहर के मत्स्यगंधा स्थित कला ग्राम में तीन दिवसीय वैदेही अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सव तथा वैदेही कला संग्रहालय का शुभारंभ किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 06:19 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 06:19 PM (IST)
वैदेही कला संग्रहालय से क्षेत्र 
की संस्कृति होगी समृद्ध : मंत्री
वैदेही कला संग्रहालय से क्षेत्र की संस्कृति होगी समृद्ध : मंत्री

संवाद सूत्र, सहरसा : बुधवार को शहर के मत्स्यगंधा स्थित कला ग्राम में तीन दिवसीय वैदेही अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सव तथा वैदेही कला संग्रहालय का शुभारंभ किया गया।

वैदेही कला संग्रहालय का शुभारंभ राज्य के कला संस्कृति एवं युवा मंत्री डा. आलोक रंजन ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सहरसा जैसे शहर में वैदेही कला संग्रहालय के खुलने से इस क्षेत्र की संस्कृति समृद्ध होगी। उन्होंने आयोजक के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि माता जानकी पर केंद्रित इस संग्रहालय से स्थानीय लोगों को सीता की जीवनी को समझने का मौका मिलेगा। बटोही द्वारा आयोजित इस समारोह में कला संस्कृति मंत्री ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ल को भारती मंडन दर्शन रत्न सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया। कुलपति को पाग, चादर एवं सम्मान पत्र सहित 21 हजार रूपये प्रदान किया गया।

इस मौके पर कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ल ने कहा कि वैदेही के नाम पर कला संग्रहालय अपने आपमें अनूठा है। राम की संस्कृति का देश भारत है। इस देश में राम की कथा निराली है। कला का विकास और संग्रहालय वैदेही के नाम पर अनावरण से पूरा मिथिलांचल में कला ²ष्टि से इसका प्रतिकात्मक प्रभाव पड़ेगा जिससे स्थानीय लोक कलाएं समृद्धि और विकसित होगी। मिथिला का इलाका जानकी सीता का ही है। वैदेही जानकी माता सीता का ही नाम है। पद्मश्री माइम गुरू निरंजन गोस्वामी ने कहा कि देश में रंगमंच ने कला संस्कृति को विकसित किया है। उन्होंने आयोजन संस्था को बधाई देते हुए कहा कि आज के इस भागदौड़ की जिदगी में कला संग्रहालय का शुभारंभ को लोगों को संस्कृति से जोड़ने का यह प्रभावपूर्ण प्रयास है। समारोह के शुरू में ही बटोही के संस्थापक डा. ओमप्रकाश भारती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के अनुसरण में रामायण से जुड़े स्मृति स्थल को पर्यटन तथा धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। रामकथा से जुड़े कला रूपों की खोज कर उसे संग्रहालय में स्थापित किया गया है। महान दार्शनिक आचार्य मंडन मिश्र तथा उनकी पत्नी विदुषी भारती की स्मृति में तथा भारतीय कला संस्कृति तथा दर्शन के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए भारती मंडन दर्शन रत्न सम्मान का शुभारंभ किया गया है। कला अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव 8 दिसंबर से 11 दिसंबर तक होगा। किसलय कृष्ण के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य रूप से सिने अभिनेता राहुल सिंहा, मनोज श्रीपति, नीतीश, डा. महेंद्र, सुभाषचंद्र आदि मौजूद थे। समारोह के दौरान डा. ओमप्रकाश भारती ने अतिथियों को पाग, चादर और पुष्प भेंटकर सम्मानित किया। महोत्सव में कई जगहों की सांस्कृतिक टीमों ने हिस्सा लिया।

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