किसानों को ससमय यूरिया उपलब्ध कराने का दिया निर्देश
सहरसा। सोमवार को जिलाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक हुई। बैठक में मंत्री कला संस्कृति एवं युवा विभाग -सह- सहरसा विधानसभा सदस्य डा. आलोक रंजन महिषी विधानसभा सदस्य गुंजेश्वर साह सोनवर्षा विधानसभा सदस्य रत्नेश सदा उप विकास आयुक्त राजेश कुमार सिहं जिला कृषि पदाधिकारी एवं अन्य उपस्थित थे।
सहरसा। सोमवार को जिलाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक हुई। बैठक में मंत्री कला संस्कृति एवं युवा विभाग -सह- सहरसा विधानसभा सदस्य डा. आलोक रंजन, महिषी विधानसभा सदस्य गुंजेश्वर साह, सोनवर्षा विधानसभा सदस्य रत्नेश सदा, उप विकास आयुक्त राजेश कुमार सिहं, जिला कृषि पदाधिकारी एवं अन्य उपस्थित थे।
बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि जिले में यूरिया खाद का रिटेलर स्टॉक 5547.43 एमटी, हॉल सेलर स्टॉक 3921 एवं बफर स्टॉक 2053 कुल 11522.56 एमटी यूरिया उपलब्ध है। खरीफ मौसम में यूरिया खाद की मांग 16 हजार मैट्रिक टन है। बताया कि किसानों को यूरिया खाद की ससमय उपलब्धता के लिए कार्रवाई की जा रही है। मंत्री डा. आलोक रंजन ने सुझाव दिया कि हर खाद की दुकान के आगे निर्धारित दर की सूची स्पष्ट रूप से प्रदर्शित रहना चाहिए। साथ ही दुकान के अतिरिक्त सार्वजनिक स्थलों पर भी खाद के निर्धारित दर को प्रदर्शित करायी जाए ताकि लोगों को दर की जानकारी रहे। सोनवर्षा विधायक रत्नेश सादा ने खाद की दुकान कहां-कहां अवस्थित है और निर्धारित दर पर किसानों को खाद की उपलब्धता के संबंध में जानकारी ली। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा अनुदानित दर पर बीज वितरण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। महिषी विधायक गुंजेश्वर साह ने कहा कि हर किसान के पास ऑनलाइन आवेदन की सुविधा नहीं है, इसलिए इस संबंध में उनके लिए आवेदन की व्यवस्था अपेक्षित है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जितने पॉइंट पर बीज का वितरण किया जा रहा है वहां ऑनस्पॉट ऑनलाइन आवेदन की सुविधा किसानों को उपलब्ध करायी जाए। चार प्रखंडों के तटबंध के अंतर्गत पंचायतों के लिए भी बीज वितरण पॉइंट आरंभ करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी को कल तक सभी सदस्यों को जिले में उर्वरक के लाभान्वितों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। बैठक में मक्का फसल क्षति के संबंध में बैठक में चर्चा की गई। डीएम ने निर्देश दिया कि फसल क्षति आवेदन के लिए जब पोर्टल आरंभ होगा, तब जो भी आवेदन प्राप्त हो उसके आधार पर पारदर्शी एवं सही प्रकार से जांच करायी जाए, तथा जो भी योग्य किसान हैं उन्हें फसल क्षति का मुआवजा प्रदान करने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाए। कृषि समन्वयकों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई का निर्देश जिला कृषि पदाधिकारी को दिया गया।