शहर में लॉकडाउन से बंद हुआ होटल का धंधा

सहरसा। कोरोना संक्रमण की वजह से लोग शारीरिक परेशानी से जूझ रहे हैं वहीं अब कई लोग

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 05:16 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 05:16 PM (IST)
शहर में लॉकडाउन से बंद हुआ होटल का धंधा
शहर में लॉकडाउन से बंद हुआ होटल का धंधा

सहरसा। कोरोना संक्रमण की वजह से लोग शारीरिक परेशानी से जूझ रहे हैं, वहीं अब कई लोगों के सामने रोजगार की समस्या से गहरा गई है। कोरोनाकाल में हर व्यक्ति का रोजगार प्रभावित होने लगा है।

विशेषकर लॉकडाउन में होटल का धंधा पूरी तरह से चरमरा गया है। इसकी वजह से कई इलाकों में होटल बंद होने की कगार पर पहुंच गया है।

जानकारों की मानें तो शहर में करीब एक दर्जन से अधिक छोटे-बड़े आवासीय होटल हैं। इनमें से एक दो होटल ऐसे हैं जिसमें सौ से अधिक कमरे हैं, लेकिन इस लॉकडाउन में एक भी कमरा बुक नहीं होता है। लॉकडाउन में लोगों की आवाजाही कम हो रही है जिसके कारण होटल में एक भी कमरे की बुकिग नहीं हो रही है। लॉकडाउन से पहले होटल में कमरा लोगों को मिलना मुश्किल हो जाता था। इस लॉकडाउन में तो होटल की आमदनी बंद हो गई है। करोड़ों रुपये लगाने के बाद भी होटल संचालक को एक रुपये की आमदनी नहीं हेा पा रही है जिससे होटल कर्मचारियों के समक्ष भी आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। वहीं होटल संचालक भी परेशानी में है। लॉकडाउन में सरकारी और गैर सरकारी अधिकांश कार्यालय बंद पड़े हैं। वहीं जरूरी सामानों के अलावा 95 प्रतिशत दुकानें भी बंद रहती है। सभी तरह के कार्यक्रम सहित बड़े आयेाजनों पर पाबंदी है। इसके कारण होटल में आनेवाले ग्राहक नहीं आते है। शहर में करीब एक दर्जन आवासीय होटल है जिसका बिजली बिल ही हर माह लाखों रुपये का भुगतान होता था। आज स्थिति ऐसी है कि होटल संचालक को जेब से ही बिजली बिल सहित अन्य खर्चों को भरना पड़ रहा है जिससे उनकी स्थिति और अधिक खास्ताहाल हो गई है। कोसी निवास होटल संचालक मो. मोहीउद्दीन राईन कहते हैं कि लॉकडाउन में होटल का धंधा पूरी तरह से चौपट है लेकिन इतने बड़े होटल को चलाने के लिए दर्जनेां कर्मी कार्यरत हैं। इन्हें मासिक निर्धारित राशि देनी ही पड़ती है। वहीं होटल की साफ सफाई का भी विशेष ख्याल रखना पड़ता है। इतना ही नहीं, बिना आमदनी के ही निर्धारित बिजली बिल तो भरना ही पड़ता है। लॉकडाउन में सबसे अधिक परेशानी होटल संचालक को है। करोड़ों की राशि लगने के बाद भी आमदनी जीरो है। होटल का खर्चा हर माह लाखों में है जिसका नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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