श्रम कानूनों की समाप्ति के विरोध में मनाया प्रतिरोध दिवस
सहरसा। शुक्रवार को श्रम कानूनों को समाप्त करने सहित अन्य सवाल को लेकर भाकपा माले कार्यालय
सहरसा। शुक्रवार को श्रम कानूनों को समाप्त करने सहित अन्य सवाल को लेकर भाकपा माले कार्यालय के समक्ष कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रतिरोध दिवस के रूप में मनाया।
श्रमिक संगठनों के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर ट्रेड यूनियन ऐक्टू से जुड़े मनरेगा मजदूर सभा, निर्माण मजदूर यूनियन के कार्यकर्ताओं ने भाकपा माले जिला कार्यालय अम्बेडकर नगर वार्ड नंबर एक के समीप शारीरिक दूरी का पालन करते हुए 44 श्रम कानूनों की समाप्ति व मजदूरों की गुलामी के चार कोड बनाने, 12 घंटे कार्य दिवस, बढ़ती महंगाई पर कंट्रोल, प्रवासी-मनरेगा असंगठित और सभी मजदूरों को गृह जिले में स्थाई रोजगार देने के सवाल पर देशव्यापी प्रतिरोध दिवस मनाया गया। प्रतिरोध दिवस की अध्यक्षता मनरेगा मजदूर सभा (ऐक्टू) जिला सचिव रमेश शर्मा ने किया। इस मौके पर संबोधित करते हुए वामपंथी नेताओं ने कहा कि मोदी-नीतीश सरकार के राज्य में मजदूरों पर हमला जारी है। सरकार 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर चार लेबर कोड में मजदूरों को गुलाम बनाने पर तुली है जो मजदूरों के साथ सरासर अन्याय हैं। नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के तमाम सरकारी संपत्तियों को निजीकरण कर देश के साथ धोखा कर रही है। महंगाई चरम सीमा पार कर रही है। प्रवासी-मनरेगा मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। मौके पर भाकपा माले जिला सचिव ललन यादव, मनरेगा मजदूर सभा जिला उपाध्यक्ष रमेश पासवान, भाकपा माले युवा नेता कुंदन कुमार, मजदूर नेता रंजीत पासवान, निर्माण मजदूर नेता पवन ठाकुर, सविता देवी, दिलीप कुमार, गणेश पंडित सहित अन्य शामिल थे।